शाहपुरा में "भारतीय ज्ञान परंपरा" पर राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का राज्यपाल ने किया उद्घाटन राज्यपाल का संबोधन रियासत कालीन समय में सभी राजा महाराजा एक जुट होकर लडे होते तो मोहम्मद गोरी को बहुत पहले ही पराजित किया जा सकता था।

शाहपुरा में "भारतीय ज्ञान परंपरा" पर राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का राज्यपाल ने किया उद्घाटन राज्यपाल का संबोधन रियासत कालीन समय में सभी राजा महाराजा एक जुट होकर लडे होते तो मोहम्मद गोरी को बहुत पहले ही पराजित किया जा सकता था।

नई शिक्षा नीति भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में सहायक सिद्ध होगी

भीलवाड़ा- शाहपुरा कस्बे में स्थित श्री प्रताप सिंह बारहठ राजकीय महाविद्यालय के तत्वावधान में आज से दौ दिवसीय भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ हुआ। शहर के मणियार कोटेज में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने दीप प्रज्वलित कर किया। राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ के सहयोग से आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में देशभर से लगभग 500 विद्वान और शिक्षाविद शामिल हुए। समारोह में राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष प्रो. एनएल गुप्ता और महासंघ के सचिव प्रो. महेंद्र कपूर भी उपस्थित रहे।

कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन करते राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने भारतीय ज्ञान परंपरा की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही ज्ञान-विज्ञान का केंद्र रहा है, और आज विदेशों में भारतीय    संस्कृति एवं ज्ञान पर आधारित पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है जब हमें अपनी ज्ञान परंपरा को पुनः सहेजना और आत्मसात करना होगा।

उन्होंने नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए कहा कि यह नीति भारत के शिक्षा प्रणाली में एक नवाचार लाएगी और आजादी के शताब्दी वर्ष तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा, यदि रियासतकालीन समय में सभी राजा-महाराजा एकजुट होकर लड़े होते, तो मोहम्मद गोरी को बहुत पहले ही पराजित किया जा सकता था। अब समय आ गया है कि हम फिर से एकजुट होकर भारत को सशक्त बनाएँ।

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय बच्चों को बौद्धिक एवं कौशल विकास की शिक्षा देने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति को भारत की तस्वीर बदलने वाला कदम बताया और कहा कि वर्ष 2047 तक भारत वैश्विक स्तर पर एक नए स्वरूप में उभरेगा। उन्होंने दशमलव प्रणाली, नालंदा विश्वविद्यालय और भारत के प्राचीन शिक्षा केंद्रों का उदाहरण देते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा की विशेषताओं को उजागर किया।

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे हेलीकॉप्टर के माध्यम से हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे, जहा भीलवाड़ा जिला कलेक्टर नमित मेहता और पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने उनका स्वागत किया।