बागेश्वर पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बड़ा बयान या तो देश में वक्फ बोर्ड बंद हो या सनातन बोर्ड का हो गठन 

बागेश्वर पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बड़ा बयान या तो देश में वक्फ बोर्ड बंद हो या सनातन बोर्ड का हो गठन 

प्रत्येक हिंदू को माला व भाला रखना चाहिए 

राजनीति में धर्म का उपयोग वोट बैंक के लिए नहीं होना चाहिए यह है देश का बड़ा दुर्भाग्य 

कुंभ में गैर सनातनियों की दुकान नहीं होनी चाहिए या तो मक्का मदीना में लगाए हमारी दुकान क्योंकि गैर सनातनी नहीं जानते हिंदुओं के रीति रिवाज 

भीलवाड़ा- शहर के कुमुद विहार में बुधवार से ही बागेश्वर पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा हनुमत कथा का वाचन किया जा रहा है जहां हनुमंत कथा के दूसरे दिन पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रेस से मुखातिब होते हुए बड़ा बयान दिया है

भीलवाड़ा शहर की कुमुद विहार में हनुमान टेकरी के महंत बनवारी शरण जी काठिया बाबा के सानिध्य में हनुमंत कथा का आयोजन हो रहा है इस पांच दिवसीय हनुमंत कथा के दूसरे दिन बागेश्वर पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि हनुमंत कथा का मुख्य उद्देश्य भारत की हिंदू जात-पात में ना बटकर हिंदू एक हो, पिछड़े और बिछड़े लोगों को आगे आने का मौका मिले, राष्ट्र समृद्ध हो ओर वर्तमान में जो काटने की पद्धति का नारा दिया जा रहा है और देवस्थान को प्रदूषित किया जा रहा उनको ठीक से समझ में आ जाए, हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाए इस उद्देश्यों को लेकर यह कथा की जा रही है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मोहन भागवत द्वारा द्वारा चित्रकूट में संत के द्वार पर स्वयंसेवक डंडा लेकर बैठता है जिस बयान पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि रक्षा करने की सभी को आवश्यकता है यह केवल संघ का ही दायित्व नहीं है भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार भी है अपनी संस्कृती,परिवार की रक्षा करना है इसके लिए सरकार हमें शस्त्र लाइसेंस भी देती हैं संघ के साथ प्रत्येक भारतीय सनातन हिंदुओं को माला व भाला दोनों रखने की आवश्यकता है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक में कहा कि संतों की रक्षा के लिए स्वयंसेवक बैठे हैं वह बहुत अच्छी बात है मैं मोहन भागवत के बयान का स्वागत करता हूं।


बाटोगे तो काटोगे के नारे को लेकर पंडित धीरेंद्र के शास्त्री ने कहा कि  इस बयान को देने वाले राजनीति के नाते कहा है तो मैं किसी राजनेता के बयान में टिप्पणी नहीं करता हूं और संत धर्म व आध्यात्म के नाते दिया है बहुत सुंदर कहा है यही हमारा ध्येय है इसके लिए 4 जुलाई को हमने घोषणा की थी कि इस देश में जात-पात, उच्च -नीच व भेदभाव मिटाने के लिए पैदल यात्रा निकालेंगे यह 160 किलोमीटर की यात्रा होगी। वर्तमान में यह जात-पात उच्च- नीच मिटाने को लिए संकल्प दिलाया जाएगा । धर्म से राजनीति चलती है राजनीति से धर्म नहीं चलता है। राजनीति में धर्म नहीं है तो समझ लो राजनीति अंधी है । मैं एक बात स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि राजनीति होनी चाहिए राजनीति में धर्म का उपयोग वोट बैंक के लिए नहीं किया जाना चाहिए। यह सबसे बड़ा देश का दुर्भाग्य है कि राजनीति मे धर्म का प्रयोग इस देश का राजनेता अपनी रोटियां सेकने के लिए करते हैं।

हिंदुओं की बहन बेटियों को लेकर कहां की अगर हमारी बहन बैटीयो को छेड़ता है हम तो छोड़ेंगे नहीं क्योंकि यह 2024 वाला जगा हुआ हिंदू है 2010 वाला हिंदू नहीं। 2010 में हिंदू हिंदू का नाम लेने से डर कर घर के अंदर घुस जाए जहा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड सहित भीलवाड़ा में सांप्रदायिक घटनाओं का भी जिक्र किया।

देश मे सनातन बोर्ड के गठन को लेकर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि देश में वक्फ बोर्ड है तो सनातन बोर्ड क्यों नहीं होना चाहिए क्या हम भी वोट नहीं देते हैं , सनातन बोर्ड का इसलिए गठन होना चाहिए क्योंकि वक्फ बोर्ड बनाकर कोई कहते हैं कि देश की संसद व मंदिर वक्फ बोर्ड की जमीन पर हैं कल के दिन हमारे मकान भी वक्फ बोर्ड ले लेगा या तो देश में वक्फ बोर्ड बंद हो या सनातन बोर्ड का गठन हो।

मैं देश के युवाओं को यही संदेश देना चाहता हूं कि राजस्थान में वर्तमान में जिस तरह लव जिहाद का मुद्दा छाया हुआ है मैं देश के युवाओं से यही प्रार्थना करना चाहता हूं कि जिस तरह हमारे पीछे सेल्फी लेने के लिए दौड़ते हैं इस तरह आप भी ऐसी प्रसिद्ध पावो की लोग आपके पीछे सेल्फी लेने के लिए दौड़े।

धर्मांतरण का मुदा जिन भी संतो ने उठाया वह आज जेल में बन्द है जिस सवाल पर शास्त्री ने कहा कि धर्मांतरण व सनातन की बात करना इस देश में तलवार की धार पर चलना है यह तो पता है कि यह प्रायोजित तरीके से निपटाएंगे । लेकिन हम कुछ करके जाएंगे। देश में कोई मौलवी, पादरी गंदा काम करता है तो उनके मजहब के लोग बिल्कुल मुह नहीं खोलते हैं। लोग सनातन धर्म के गुरुओं में गुण देखने के बजाय अवगुण देखते हैं की बाबा का फसेगा कहा।

आज हमारा परिवार घर से बाहर नहीं निकल पाता 10 दिन पहले तीन शूटर पकड़े गए थे हमारा परिवार अकेला नहीं चल सकता उनके लिए पीएफ आई से फंड आता है हम एक-एक रुपए कथा से जोड़कर धर्म के नाम पर खर्च करते हैं।

जहां धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने देश में हिंदू राष्ट्र की माग करते हुए कहा कि जिस तरह यहूदियों के देश में यहूदियों को पावर है उसी प्रकार यहूदी वापस जा सकते हैं दुबई में सभी धर्म के लोग रहते हैं वहां विशेष पावर मुसलमान को है उसी प्रकार पाकिस्तान में हिंदू रहते हैं विशेष पावर मुसलमान को हैं उसी प्रकार भारत हिंदू राष्ट्र बनने का मतलब यह है कनाडा व बांग्लादेश के हिंदू भाग जाएंगे तो कहां जाएंगे एक देश ऐसा होना चाहिए जो हिंदू आ सके इसलिए हिंदू राष्ट्र होना चाहिए।

 मैं वह आदमी हूं जो अंदर हू वही बाहर हूं । मुझे अपनी गलती स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है मैं दक्षिणा लेता हूं और बेटियों का विवाह, कैंसर का हॉस्पिटल बना रहा हू क्योंकि हमारा क्षेत्र ट्राइबल है वहां बेटियों को विवाह के नाम से बेचते हैं मैं दरबार निशुल्क लगाता हूं इसलिए मैं दक्षिण लेता हूं इसलिए मै माया छोड़ने का प्रवचन नही देता हूं भारत अर्थ से ही मजबूत होगा ना कि साधु बाबा बनाने से । मैं इस देश को विश्व गुरु बनाना चाहता हूं विश्व गुरु तब बनेगा जब देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। मैं 1000 से ज्यादा बेटियों की शादी कर चुका हूं 26 फरवरी महाशिवरात्रि को पुन दौ सौ से ज्यादा बेटियों की शादी करूंगा जिसमें 101 आदिवासी बेटियां हैं जिनके मां-बाप नहीं हैं इस बार हमने प्रयोग किया कि प्रत्येक दलित दुल्हे घोड़े पर बैठेगे

मां कुंभ में गैर हिंदुओं की दुकान के बयान पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि मेने गैर सनातनियों के दुकान पर बयान दिया था ना की प्रवेश के बारे में कहा था। कोई भी गैर हिंदू  कुभ मे आना चाहता है तो वह उनकी आस्था है क्योंकि इस देश में रहिम व रसखान को भी स्वीकार किया था सब आ सकते हैं मैं सिर्फ धंधे की बात करता हूं आप कुंभ में दुकान लगा रहे हैं जबकि मक्का मदीना में तो कोई हिंदू दुकान नहीं लगाता है। गैर सनातनियों को संतों का कुंभ के मान व मर्यादा के साथ ही सनातन का ज्ञान नहीं है क्या आप खाक पूजा सामग्री बेचोगे अगर आपको देना ही है तो मक्का मदीना में हमारी दुकान लगाइए।

बिना दरबार भी चमत्कार होता है दरबार तो हमारी डमरू है डमरू बजाना दरबार लगाने के बहाने हमें सिर्फ हिंदुओं को एकजुट करना है ना हमें सिद्धि दिखानी है , ना चमत्कारी गुरु बनना है हम आज्ञाकारी चेला बनना पसंद करते हैं ।

बाईट- पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पीठाधीश्वर बागेश्वर