भीलवाड़ा-प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के बाद अब दलहनी व तिलहनी फसलों में भी नुकसान होने लग गया है जहा भीलवाड़ा जिले में मूंग व उडद की फसल में तना छेड़ने के साथ ही पीलिया रोग का प्रकाप भी शुरू हो गया है जहां कृषि विभाग के अधिकारी भी फील्ड में जाकर किसानों को फसल बचाव का तरीका बता रहे हैं।
इस बार किसानों ने बड़ी उम्मीद के साथ खरीफ की फसल की बुवाई के समय मुख्य रूप में मूंग , उड़द व तिल की फसल की बुवाई की थी लेकिन लगातार रिमझिम व मूसलाधार बारिश होने के कारण फसलों में नुकसान शुरू हो गया है।
जहां भीलवाड़ा कृषि विभाग के सयुक्त निदेशक गोपाल लाल कुमावत ने कहा कि इस वर्ष खरीफ की फसल की बुवाई के समय भीलवाड़ा जिले में किसानों ने 21000 हेक्टेयर भूमि में उड़द व 9700 हेक्टेयर भूमि में मूंग व 6700 हेक्टेयर भूमि में तिल की फसल की बुवाई हुई है मै लगातार फील्ड में जा रहा हूं । मूंग की फसल में फलिया बन चुकी है मूंग की फसल की फलियों में "सेमीलुपर" किट का प्रकोप पाया जा रहा है इसी प्रकार उड़द की फसल में भी देखने को मिल रहा है दलहनी फसलों को लेकर मै किसान भाइयों को सलाह देना चाहता हूं कि मोनोक्रोटोफॉस एक एम एल प्रति लीटर व उसी में मैन्कोजैब पाउडर 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोलकर फसल में छिड़काव करें जिससे फसल में कीटों का प्रकोप नहीं रहेगा जिस फसल में फलिया बन चुकी है उसमें छिड़काव नहीं करें ।
बाईट- गोपाल लाल कुमावत
सयुक्त निदेशक कृषि विभाग भीलवाड़ा
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