भीलवाड़ा -वर्तमान दौर में वास्तु शास्त्र को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह के भ्रम चलते हैं इसी के चलते आज वास्तु विशेषज्ञ ने लोगों के भ्रम दूर करने के लिए कहा कि वास्तु दोष को दूर करने के लिए सलाह देते हुए कहा कि " लोग अगर दिशा बदल ले तो उसकी दशा बदल जाती है' यानी हमेशा सोते समय रात को दक्षिण दिशा की तरह सिर रखना चाहिए तब तमाम वास्तु दोष दूर हो जायेगे ।
कोई भी व्यक्ति जब मकान, भवन उद्योग या नई इमारत का निर्माण करता है उससे पहले वास्तु शास्त्र का विशेष ख्याल रखते हुऐ ही वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार ही नया निर्माण करता है । लेकिन जो पौराणिक मकान व भवन बने हुए हैं उसमें भी कहीं लोगों के मन में वास्तु को लेकर भ्रम रहता हैं ऐसे में इन लोगों के भ्रम दूर करने के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले वास्तु विशेषज्ञ एवं वास्तु की पुस्तक के लेखक कैलाश परमार लोगों को निशुल्क वास्तु शास्त्र के बारे में सलाह दे रहे हैं।
जहां वास्तु विशेषज्ञ कैलाश परमार ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि वास्तु एक विज्ञान है जो इनका अनुसरण कर दिशा बदलकर चलेगा उसकी दशा बदल जाएगी । व्यक्ति वास्तु का अनुसरण करते हुए रात को सोते समय दक्षिण में सिर रखकर और उत्तर में पैर रखकर सोये तो तमाम वास्तु दोष दूर हो जाएंगे । घर में बच्चे पढ़ते समय पूर्व दिशा की ओर मुंह रखकर अगर पढ़ाई करेंगे तो उनका मन लगेगा और आगे बढ़ेंगे । देश मे कई जगह वास्तु शास्त्र से जुड़े लोग लोगों में भ्रम पैदा कर देते हैं कि आपके मकान में वास्तु दोष है इसको तोड़ देना चाहिए । जबकि मेरी उन लोगों को सलाह है कि कभी मकान नहीं तोड़ना चाहिए क्योंकि वास्तु तोड़ना नहीं सिखाता है जोड़ना सीखना है । मकान तोड़ने से कुछ नहीं होगा सिर्फ अपना सर दक्षिण में कर सोना चाहिए साथ ही वर्तमान में पानी की टंकी गोल होनी चाहिए । पुराने समय मे भी लोग वास्तु के हिसाब से मकान बनाते थे ओर घर की दहलीज पर चौखट लगती थी वही घर में चूल्हे का मुंह हमेशा उत्तर में होता है और दक्षिण की तरफ लकड़ी जलती है। वर्तमान में नया संसद भवन बना है वह वास्तु शास्त्र के अनुसार हैं पहले की संसद में गोल खंबे थे इसलिए झगड़े होते थे अब वास्तु शास्त्र के हिसाब से ही संसद का निर्माण हुआ है।
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