जिला कलक्टर ने किया उप पंजीयक कार्यालय का औचक निरीक्षण, रजिस्ट्रियों के भौतिक सत्यापन के दिए निर्देश* *पंजीयन संबंधी लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द हो निस्तारण, परिवादियों को नहीं काटने पड़े अनावश्यक चक्कर*

*जिला कलक्टर ने किया उप पंजीयक कार्यालय का औचक निरीक्षण, रजिस्ट्रियों के भौतिक सत्यापन के दिए निर्देश*

*पंजीयन संबंधी लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द हो निस्तारण, परिवादियों को नहीं काटने पड़े अनावश्यक चक्कर*

भीलवाड़ा-जिला कलक्टर नमित मेहता ने बुधवार को उप पंजीयक कार्यालय  का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कार्मिकों को समय पर कार्यालय आने, पुरानी वसूलियो पर विशेष अभियान चलाने और राजस्व संकलन के संबंध में विशेष दिशा निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर ने उपपंजीयक मोहन लाल रेगर को निर्देश दिए कि रजिस्ट्री की प्रक्रिया को तय समय में किया जाए, जिससे आमजन को  अनावश्यक इंतजार न करना पड़े। उप पंजीयक मोहनलाल ने जानकारी देते हुए बताया कि एस आर प्रथम कार्यालय को माह मई महीने में अब तक 6 करोड़ 51 लाख रुपए और एस आर द्वितीय कार्यालय की मई महीने में 4 करोड़ 57 लाख की कुल राजस्व आय अर्जित हुई।

जिला कलक्टर ने निरीक्षण के दौरान 50 लाख से नीचे की रजिस्ट्रियों का रैंडम तरीके से भौतिक सत्यापन करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व संकलन के लक्ष्यों को प्राप्त करने और पुरानी बकाया वसूलियों के लिए विशेष अभियान चलाने के लिए भी निर्देश दिए।

*पंजीयन दस्तावेजों का हो समुचित संधारण*

जिला कलक्टर ने दस्तावेजों का सुव्यवस्थित रूप से संधारण करवाने, पुराने कबाड़ को हटाने, एसआर प्रथम कार्यालय में कक्षों की साफ-सफाई , रंगरोगन करने के निर्देश उप पंजीयक अधिकारी मोहन लाल रेगर को निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि कार्यालय में प्राप्त होने वाले रजिस्ट्री संबंधित सभी प्रकरण ई-पंजीयक पोर्टल के माध्यम से प्राप्त किए जाए। साथ ही रजिस्टरीकरण की प्रक्रिया के संबध में जानकारी ली और पारदर्शिता के साथ फाइलों के निस्तारण के संबध में निर्देश दिए। इस दौरान जिला कलेक्टर ने कार्मिकों से आवंटित कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सभी को अपने राजकीय उत्तरदायित्वों का पूर्ण ईमानदारी से निवर्हन करने के निर्देश दिए। 

उन्होंने कहा कि कार्यालय में पंजीयन संबंधी लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए जल्द से जल्द प्रकरणों का निस्तारण किया जाए।  साथ ही आमजन के जो काम होने वाले हों, वे तुरंत हों। परिवादियों को अनावश्यक चक्कर नहीं काटने पड़े, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।