भीलवाड़ा- भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित केंद्रीय प्रवर्तित योजना लाइवस्टॉक हेल्थ एंड डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के अंतर्गत संचालित ESVHD-MVU कार्यक्रम के तहत मोबाइल वेटेरिनरी यूनिट सेवाएं संचालित जाएगी। इसी कार्यक्रम के तहत जिला स्तर पर शनिवार को जिला कलेक्ट्रेट परिसर से सांसद सुभाष बहेड़िया, जिला प्रमुख बरजी बाई, सभापति राकेश पाठक, जनप्रतिनिधि प्रशांत मेवाड़ा, जिला कलक्टर नमित मेहता ने मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान सांसद प्रतिनिधि राजकुमार आंचलिया, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन रतन कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद मोहनलाल खटनावलिया, संयुक्त निदेशक पशुपालन अलका गुप्ता सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर सांसद श्री सुभाष बहेडिया ने कहा कि इन पशु चिकित्सा मोबाइल वैन की वास्तव में जरूरत है इसके माध्यम से निराश्रित पशुओं को इलाज मिल सकेगा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री महोदय की दूरदर्शी सोच का ही यह परिणाम है। सांसद ने कहा कि जिससे इन योजनाओं का सीधा लाभ आमजन को मिल रहा है।
सभापति श्री राकेश पाठक ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य की संवेदनशील सरकार के इन प्रयासों से दूर दराज के क्षेत्र में भी मोबाइल पशु चिकित्सालयों के माध्यम से पशुधन को इलाज मिल सकेगा। साथ ही जारी हेल्पलाइन 1962 का सीधा फायदा पशुपालकों को मिलेगा। इन मोबाइल वाहनों के माध्यम से पशुओं को प्राथमिक उपचार मिल सकेगा तथा चिकित्सा के अभाव में पशुधन की हानि होने से रोकने में मदद करेगा जिससे पशुपालकों को आर्थिक सहायता उपलब्ध हो सकेगी।
*पशु चिकित्सा उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक मजबूत कदम: जिला कलक्टर*
जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि राज्य सरकार की गुड गवर्नेंस की मंशा है ताकि प्रशासन तथा जनता के बीच की दूरी को कम किया जा सके इसी तर्ज पर नवाचार के तौर पर पशु चिकित्सा उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक मजबूत कदम है। इन वाहनों की मदद से पशुपालकों को समय पर ही घर पर उपचार मिल सकेगा।
संयुक्त निदेशक डॉ अलका गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को 7 पशु चिकित्सा वाहनों को हरी झंडी दिखाई गई। जिले को 23 वाहन आवंटित हुए हैं। वर्तमान में प्रत्येक वाहन द्वारा प्रतिदिन दो शिविर लगाए जाएंगे। मोबाइल यूनिट का मूल कार्य पशुपालक के द्वार पर पशु चिकित्सा उपलब्ध करवाना है। इसके लिए निदेशालय स्तर पर कॉल सेंटर स्थापित किया गया है। वाहन में एक चिकित्सक, एक पशुधन सहायक एवं एक वाहन चालक होगा। यह पशु चिकित्सा वाहन मौजूद विभागीय संस्थाओं की 2 किलोमीटर परिधि क्षेत्र में कार्य नहीं करेगा।
*वाहन में मिलेंगी ये सुविधाएं*
वाहन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं में पशु चिकित्सा, रोग प्रकोप नियंत्रण, दुर्घटना, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान कार्य, लघु शल्य चिकित्सा एवं पशुपालकों को जानकारी देना शामिल है।
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