खाकी के आंगन में माता का दरबार 9 दिन उमड़ता है श्रद्धा का सैलाब


जिस तरह देश की शरहद पर जैसलमेर जिले में तनोट माता का प्रसिद्ध मंदिर है और उनकी सेवा देश के वीर जवान फौजी करते हैं उसी प्रकार भीलवाड़ा जिले में भी संतोषी माता का मंदिर है जिसकी सेवा पूजा अर्चना भी पुलिस के वीर जवान सिपाही करते हैं ।

साल 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान भीलवाड़ा पुलिस के कई जवान भी सीमावर्ती क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा की ड्यूटी में जाते समय पुलिस लाइन स्थित संतोषी माता के दर्शन करके गए थे और  युद्ध समाप्ति के बाद  सकुशल अपने घर लौट आए तो पुलिस लाइन में उसी साल स्थापीत संतोषी माता मंदिर  प्रति  भीलवाड़ा के पुलिसकर्मियों की अगाध श्रद्धा बन गई तब से पिछले 58 सालों से माता रानी की सेवा पूजा और आरती मंदिर का कोई पुजारी नहीं बल्कि पुलिस लाइन में तैनात सिपाही करते हैं माता रानी की सेवा पूजा श्रंगार और आरती के लिए यहां 2 पुलिसकर्मी तैनात हैं।


              भीलवाड़ा पुलिस लाइन के संतोषी माता मंदिर में दोनों नवरात्रों में विशेष पूजा-अर्चना होती है इसके साथ ही यहां कृष्ण जन्माष्टमी ,शिवरात्रि जैसे कई धार्मिक त्योहार भी बड़ी आस्था और उल्लास के साथ मनाया जाते हैं प्रत्येक शुक्रवार को यहां पुलिसकर्मियों के परिजनों के अलावा भीलवाड़ा शहर के भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में संतोषी माता के दर्शन करने आते हैं और अब यह भीलवाड़ा शहर का आस्था का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

           मंदिर के पुजारी और भीलवाड़ा पुलिस के कांस्टेबल महेश ने कहा कि यह संतोषी माता का मंदिर सन 1965 में निर्मित है यहां की संपूर्ण व्यवस्था पुलिस विभाग द्वारा की जाती है यहां सप्ताह में प्रत्येक शुक्रवार को विशेष पूजा अर्चना होती है जिसमें काफी श्रद्धालु माता रानी के दर्शन करने आते हैं वहीं दोनों नवरात्रि में मेले जैसा माहौल रहता है। यहां पुलिस कर्मी ,रिटायर्ड पुलिसकर्मी और आमजन बड़ी श्रद्धा के साथ आते हैं यहां पर सुबह और शाम दोनों समय प्रतिदिन आरती होती है इस मंदिर के अध्यक्ष पदेन पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा होते हैं जिनकी देखरेख में सारी व्यवस्थाएं संचालित होती है।
साथ ही मंदिर के पुजारी कांस्टेबल महेश  ने यह भी कहा कि जिस तरह जैसलमेर जिले में तनोट माता मंदिर की स्थापना हुई थी उसी तर्ज पर पुलिस कर्मियों की साल 1965 के भारत-पाक युद्ध के समय आंतरिक सुरक्षा में ड्यूटी लगी थी तब यहां से मां के दर्शन करके पुलिसकर्मी गए थे और सकुशल लौटे थे । यहाँ मां के दरबार में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। जहा कास्टेबल व मन्दिर पुजारी ने कहा की पुलिस की ड्यूटी के साथ ही माता रानी की पूजा अर्चना करता हूं जो मुझे बहुत सुकून देता है यहा जो भी भक्त आते हैं उनको अच्छी तरह जवाब देते हैं यहां जागरण रसोई के लिए भी धर्मशाला उपलब्ध करवाते हैं।

वही संतोषी माता मंदिर में आज नवरात्रि के मौके पर दर्शन करने आए यशवंत ने कहा कि नवरात्रि में माता की पूजा का विशेष महत्व है यहा काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं जब से मेरा जन्म हुआ व समझने लगा तब से मैं इस मंदिर में दर्शन करने आता हूं क्योंकि मेरे परिवार का इस मंदिर से गहरा नाता है पुलिस लाइन में मंदिर स्थित है जिस तरह देश के अन्य मंदिरों में पूजा पंडित व पुजारी करते हैं उसी प्रकार यहां इस मंदिर की सेवा पूजा पुलिस वाले ही करते हैं। जिस तरह तनोट माता की पूजा देश के वीर जवान करते हैं उसी प्रकार यहां भीलवाड़ा की पुलिस के वीर जवान माता की सेवा करते हैं ।

वही महिला भक्त मधु सोनी ने कहा कि मैं नवरात्रि की मौके पर निराहार रहकर व्रत रखती हूं और यहां माता के दर्शन करने आती हूं । संतोषी माता मन्दिर मे पूजा अर्चना अच्छे से होती है यहां पुलिस के सिपाही ही माता का श्रृंगार करते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। भीलवाड़ा जिले में संतोषी माता का सबसे बड़ा मंदिर है।

वहीं अन्य भक्त खेमराज विश्नोई ने कहा कि मैं में भीलवाड़ा जिले के दरीबा गांव से आया हूं मैं नवरात्रि के मौके पर यहा मेला जैसा माहौल रहता है और मैं यहां दर्शन करने जरूर आता हूं मंदिर की सेवा पुलिस कर्मी करते हैं यह भव्य मंदिर है।