आखिर कांग्रेस की राजनेताओं ने क्यों की इस्तीफे की पेशकश

भीलवाड़ा -जिले की मांडलगढ़ विधानसभा की 16 ग्राम पंचायत को नवसृजीत शाहपुर जिले में सम्मिलित करने के विरोध में आज क्षेत्र के सौ से भी अधिक राजनेताओं व क्षेत्र के सरपंचों ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस्तीफे की पेशकश की है जहां भीलवाड़ा सर्किट हाउस में कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा व मांडलगढ़ के पूर्व विधायक प्रदीप कुमार सिह के नेतृत्व में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ। जहां कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा ने कहा कि आचार संहिता लगने से पूर्व अगर इन 16 पंचायत को पुनः भीलवाड़ा जिले में शामिल करने के आदेश नहीं हुई तो सभी जनप्रतिनिधि कांग्रेस से अपना इस्तीफा देंगे।

लोकसभा में कांग्रेस की प्रत्याशी रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामपाल शर्मा ने कहा कि पिछले चार महीनो से माण्डलगढ़ क्षेत्र के साथ एक सौची समझी योजना के तहत षड्यंत्र किया जा रहा है जिसे बेनकाब किया जाने का अब समय आ गया है हम यह सब जानते हैं कि किस राजनेता ने यह किया है चुनाव में जनता उनको भी सबक सिखा देगी । जहां रामपाल शर्मा ने कहा कि इन 5 सालों में माण्डलगढ़ क्षेत्र में कांग्रेस का नेतृत्व कमजोर हुआ है इस कारण दूसरे क्षेत्र के नेता मांडलगढ़ में मनमाने तरीके से स्वार्थ पूर्ण निर्णय करा रहे हैं । क्षेत्र की जनता कांग्रेस से नाराज होकर धरने प्रदर्शन भी कर चुकी है अब हम अपना मुंह काला नहीं करवाना चाहते हैं इसलिए इस निर्णय के विरुद्ध इस्तीफे की पेशकश कर रहे हैं त्यागपत्र की प्रति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा, कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस की सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन को भी भेजी है।

राजस्व मंत्री ने निभाया वादा लेकिन सीएम नहीं निभाया वादा- मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक रही प्रदीप कुमार सिह ने कहा कि उन्होंने तीन बार जनप्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा राजस्व मंत्री रामलाल जाट को ज्ञापन देकर चर्चा की जहां जाट ने अपने स्तर पर फाइल बनाकर मुख्यमंत्री के पास भेजी लेकिन आश्वासन के बावजूद मुख्यमंत्री ने अपना वादा नहीं निभाया। अभी चार दिन पहले भी जयपुर में मिलकर आये लेकिन बुधवार को पंचायती राज विभाग ने इन पंचायत को शाहपुरा जिले में शामिल करने का आदेश जारी कर दिए हैं अब हमारे पास कांग्रेस से इस्तीफा देने की सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है.

पंचायत में नेताओं का प्रवेश निषेध-  मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की 16 पंचायत में आज ग्राम के प्रवेश द्वार तथा कहीं स्थान पर सभी पार्टी के नेताओं के आने-जाने पर रोक के बोर्ड लगाए हैं। सरपंच संघ के अध्यक्ष का कहना है कि इन सभी पंचायत में भाजपा , कांग्रेस या किसी भी पार्टी के नेताओं के चुनाव हेतु प्रवेश पर रोक है अगर कोई आया तो उसका विरोध  किया जाएगा।