मोक्ष धाम की डगर पर भी दमगों की नजर, अतिक्रमण होने से घंटे शव रखकर करना पड़ा इंतजार



 भीलवाड़ा-इंसान को मरने के बाद 2 गज जमीन तो नसीब हो जाती है लेकिन जमीन तक पहुंचने का रास्ते दबंगों की नजर हो तो शव (मुर्दे) को जलाने के लिए भी घंटो इंतजार करना पड़ता है । ऐसा ही मामला आज भीलवाड़ा जिले की करेड़ा पंचायत मुख्यालय पर देखने को मिला जहां एक महिला की मृत्यु के बाद मोक्ष धाम का रास्ता अवरुद्ध होने के कारण उनके परिवार जन वह ग्रामीणों को घंटों शव रखकर मोक्ष धाम जाने का इंतजार करना पड़ा । सूचना मिलते ही पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और मोक्ष धाम के रास्ते से अतिक्रमण हटाया।



जहा महिला की अंतिम यात्रा में शामिल होने आए बुजुर्ग बाबूलाल ने कहा कि आज करेड़ा कस्बे में गाड़री समाज की महिला की मृत्यु हो गई है जहां हम सब ग्रामवासी व परिवार जन महिला के शव को मोक्ष धाम की लेकर जा रहे थे लेकिन मोक्ष धाम के रास्ते में अतिक्रमण व पानी भरा होने के कारण रास्ता बिल्कुल अवरुद्ध था। जिसके कारण हम ने शव को बीच रास्ते में रखकर प्रशासन को रास्ता सुचारू करने की मांग की।

 सूचना मिलते ही करेड़ा उपखंड अधिकारी नारायण लाल जीनगर, तहसीलदार रमेश चंद्र मीणा व थानाधिकारी ओमप्रकाश मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश शुरू की। जहा पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर ही जेसीबी मशीन बुलाकर रास्ते से अवरोध हटाया तब महिला की अंतिम यात्रा मोक्ष धाम की ओर प्रस्थान कर सकी।

ग्रामीण कई बार प्रशासन को दे चुके ज्ञापन- अंतिम यात्रा में शामिल ग्रामीणों ने बताया कि हमने मोक्ष धाम के रास्ते पर अतिक्रमण होने को लेकर पूर्व में प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवाया था लेकिन उन्होंने रास्ता से अतिक्रमण हटाना मुनासिब नहीं समझा इसीलिए आज हमारे को भी अंतिम यात्रा में शव रखकर घंटो इंतजार करना पड़ा अगर प्रशासन समय रहते अतिक्रमण हटा देता तो आज हमारे को इस दुख की घड़ी में भी इंतजार नहीं करना पड़ता।

बाईट-बाबुलाल
अंतिम यात्रा में शामिल ग्रामवासी