भीलवाड़ा- शिक्षकों की समाज सुधार में अहम भूमिका है। शिक्षकों के विभिन्न दायित्व होते है। इन्ही दायित्वों में से एक है, बच्चों का आत्मविश्वास जगाना। यह बात जिला कलक्टर आशीष मोदी ने मंगलवार को राजीव गांधी ऑडिटोरियम में लगभग 3 हजार महिला शिक्षिकाओं व शिक्षकों के लिए आयोजित एक दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान कही। उन्होंने कहा कि बच्चों का अधिकांश समय विद्यालय में गुजरता है। इसलिए बच्चों के व्यक्तित्व विकास की जिम्मेदारी अध्यापकों की हो जाती है, क्योकि बच्चे मिट्टी के कच्चे घडे़ की तरह होते है। जिन्हें जिस स्वरूप में ढाला जायें वह ढल जाते है।
जिला कलक्टर के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग की पहल पर जिले के समस्त निजी व राजकीय विद्यालयों में स्थापित की गई गरिमा पेटी तथा शिक्षकों द्वारा बच्चों को गुड़-टच, बेड-टच के प्रति जागरूक किये जाने संबंधी इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ। जिले के विद्यालयों में बालिका उत्पीड़न एवं बाल यौनाचार की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी क्रियान्विति एवं जिले में बालिका सुरक्षा, संरक्षण एवं सुविधा के मध्यनजर बाल उत्पीड़न एवं बाल यौनाचार की घटनाओं पर त्वरित रूप से प्रभावी अंकुश लगाए जाने के लिए ''गरिमा पेटी'' (शिकायत पेटी) की स्थापना की जा चुकी है।
कार्यक्रम में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. अरूणा गारू, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक महावीर शर्मा, एडीपीसी योगेश पारीक, महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नगेन्द्र तोलंबिया सहित पुलिस विभाग के महिला अधिकारी मौजूद रहे।
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