भीलवाडा जागरूक- जिले के विद्यालयों में बालिका उत्पीड़न एवं बाल यौनाचार की घटनाओं की रोकथाम के लिए भीलवाड़ा जिला कलेक्टर आशीष मोदी सख्त हो गए हैं जहां आज एक आदेश जारी कर जिले के तमाम सरकारी व निजी विद्यालय में तीन दिवस के अंदर शिकायत पेटी लगाने के आदेश जारी किये । शिकायत पेटी का नाम "गरिमा पेटी" रखा गया है जिसमें बालिका को जो भी शिकायत है उसे शिकायत पेटी में लिखित डालनी होगी ।
भीलवाड़ा जिले की सरकारी व निजी विद्यालय में अध्यनरत बालिकायें अपनी बात/शिकायत सहजता से बता सके, किन्तु बालिकायें उनके साथ हो रहे दूराचार के संबंध में अपने अभिभावक, परिवारजन, सहपाठीगण एवं शिक्षको को बोलने में हिचक/असहजता महसूस करती है। उसकी हर समस्या को दूर करने के लिए भीलवाड़ा जिला कलेक्टर ने नवाचार किया है।
जहा जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट आशीष मोदी ने समस्या से निजात पाने एवं बालिकाओं को अपनी बात कहने हेतु सहज माध्यम उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आदेश जारी किया है कि जिले के प्रत्येक उच्च प्राथमिक या उससे उच्च स्तर के विद्यालय (राजकीय/निजी) जहां बालिकाओं द्वारा अध्ययन किया जाता है, में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण एवं निर्देशन में विद्यालय के प्रवेश द्वार के पास सहज दृश्य स्थल पर आगामी 03 दिवस में एक शिकायत पेटी लगवाई जायें।
शिकायत पेटी के संबंध में निम्नानुसार निर्देश-
शिकायत पेटी को ''गरिमा पेटी'' के नाम जाना जायेगा।
गरिमा पेटी पर ताला लगवाया जायेगा, जिसकी चाबी संबंधित पंचायत मुख्यालय के पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी PEEO के पास सुरक्षित रखी जायेगी. साथ ही यथासम्भव विद्यालय परिसर में आवश्यकतानुसार सीसीटीवी कैमरे लगवाये जायें।
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, संस्था प्रधान एवं विद्यालय में कार्यरत प्रत्येक कार्मिक / शिक्षकों के माध्यम से विद्यालय में अध्ययनरत समस्त बालिकाओं को यह जानकारी देंगे / जागरूक करेंगे कि यदि उनके साथ अवांछित छेड़छाड़ की घटना होती है / उनकी किसी भी प्रकार की शिकायत है तो वह लिखकर गरिमा पेटी में डाल सकते हैं।
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा 03 दिवस की अवधि पूर्ण होने के उपरान्त जिले में प्रत्येक उच्च प्राथमिक या उससे उच्च स्तर के राजकीय / निजी विद्यालय (जहाँ बालिकाओं द्वारा अध्ययन किया जाता है) में उक्त गरिमा पेटी लगाये जाने एवं गरिमा पेटी के संबंध में जागरूकता बाबत् प्रार्थना सभा एवं प्रत्येक कक्षा में विद्यालय की समस्त बालिकाओं को आवश्यक जानकारी दिये जाने संबंधी प्रमाण पत्र जिला कलक्टर को व्यक्तिशः उपलब्ध करवाया जावेगा।
विद्यालयों में स्थापित गरिमा पेटी को प्रत्येक सप्ताह के सोमवार एवं यदि सोमवार अवकाश है तो आगामी कार्यदिवस पर निम्नानुसार संबंधित पंचायत मुख्यालय के पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी, संबंधित संस्था प्रधान, विद्यालय में कार्यरत कम से कम 01 महिला शिक्षिका, विद्यालय प्रबंध एवं विकास समिति का 01 सदस्य तथा संबंधित पुलिस थाने का बीट कान्सटेबल की गठित कमेटी द्वारा खोला जायेगा।
गरिमा पेटी से प्राप्त शिकायतों को संबंधित संस्था प्रधान द्वारा पंजिका संधारित कर पंजीबद्ध किया जायेगा एवं शिकायत अथवा की गई कार्यवाही से संबंधित समस्त पत्रादि स्वयं के कार्यालय में सुरक्षित रखे जायेंगे। गरिमा पेटी खोलने की दिनांक को संधारित पंजिका में विवरण के नीचे गरिमा पेटी खोलने हेतु गठित समिति के समस्त सदस्यों के हस्ताक्षर किये जाने अनिवार्य होगें।
यदि कोई गंभीर प्रकृति की शिकायत प्राप्त होती है तो इस संबंध में संबंधित संस्थान प्रधान तत्काल पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी एवं संबंधित थाने के बाल कल्याण अधिकारी को सूचित करेंगे तथा उक्त अधिकारीगण उसकी सूचना त्वरित रूप से उच्चाधिकारियों को देते हुये विधिसम्मत कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
गम्भीर प्रकृति की शिकायतों के संबंध में संबंधित थाने का बाल कल्याण अधिकारी द्वारा तत्काल विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। इस हेतु संबंधित थानाधिकारियों द्वारा थाना स्तर पर पंजिका संधारित की जावेगी। पंजिका संधारण बाबत् पर्यवेक्षण जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा किया जायेगा। संबंधित थानाधिकारी प्राप्त शिकायतों एवं उस पर की गई कार्यवाही की सूचना जिला पुलिस अधीक्षक को भिजवाना सुनिश्चित करेंगे।
जिले के प्रत्येक ब्लॉक में संबंधित उपखण्ड अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक, विकास अधिकारी, तहसीलदार एवं थानाधिकारी द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण के दौरान विद्यालयों में जाकर गरिमा पेटी का निरीक्षण किया जायेगा एवं विद्यार्थियों मुख्यतः बालिकाओं से सरल भाषा में संवाद कर गुड टच बेड टच, आत्मरक्षा के संबंध में जानकारी एवं भयमुक्त वातावरण में रहने हेतु जागरूक किया जायेगा ।
उन्होंने कहा कि संबंधित संस्था प्रधान द्वारा भी विद्यालयों में प्रश्नोत्तरी, लघु नाटक, पोस्टर, संवाद व कहानी आदि गतिविधियों के साथ-साथ प्रार्थना सभा/बाल सभाओं में विद्यार्थियों को इस विषय पर नियमित रूप से जानकारी देते हुये जागरुक किया जाये, साथ ही विद्यालयों में होने वाली अध्यापक-अभिभावक बैठक में शिक्षकों द्वारा अभिभावकों को बच्चों की सूक्ष्म गतिविधियों एवं उनके मूड पर नजर रखने पड़ोसियों एवं रिश्तेदारों से बाल उत्पीडन से सावधान रहने के संबंध में समझाया जायें।
जिले के प्रत्येक विद्यालय में गठित होगी यौन उत्पीड़न समिति-
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जिले के प्रत्येक विद्यालय में संस्था प्रधान की अध्यक्षता में यौन उत्पीड़न समिति गठित करें। जिसमें दो महिला शिक्षिकाओं को अनिवार्य रूप से रखे। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी यह कार्यवाही आगामी 03 दिवस में पूर्ण कर पालना प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें।
संबंधित संस्था प्रधान यह सुनिश्चित करें कि इस संबंध में विद्यालय में कार्यरत समस्त कार्मिक, शिक्षकगण पूर्ण संवेदनशीलता एवं सजगता से कार्य करें एवं विद्यालय में पूर्णतः भयमुक्त एवं विभेदमुक्त वातावरण निर्माण में अपना भरसक योगदान प्रदान करें।
संबंधित संस्था प्रधान द्वारा विद्यालय में विद्यार्थियों को Child help line राज्य बाल संरक्षण आयोग, बाल कल्याण समिति, पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों के संबंध में पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाये एवं विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों की जानकारी हेतु सहज दृश्य स्थलों पर आवश्यकतानुसार Child help line के दूरभाष नं0 1098 बोर्ड एवं पलेक्स के माध्यम से प्रदर्शित किये जायें। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावी होगा।
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