भीलवाड़ा :- पर्यावरण के प्रति सजग जागरूकता रखने और अपने गांव गली मोहल्ले के साथ ही चौतरफा हरियाली व स्वच्छता का वातावरण देखने और उसे मूर्तरूप देंनें को हमेशा उत्सुकता के साथ तत्परता दिखाते हुए हरित क्रांति लाने वाले सख्स सोमानी ने अपने ग्रीन एण्ड क्लीन महेंद्रगढ़ के मिशन को बढ़ावा देते हुए अपने परिवार के चार दिवगंत सदस्यों की पुण्य स्मृति में फल, फूल व छाँयादार 700 पौधे ग्राम पंचायत को भेंट कर उन्हें महात्मा गांधी नरेगा की टीम द्वारा लगवाकर महेंद्रगढ़ ग्राम पंचायत को एक नई सौगात दी हैं।
महेंद्रगढ़ सरपंच ललिता सोमानी ने बताया कि महेंद्रगढ़ निवासी पूर्व सरपंच व वर्तमान पंचायत समिति सदस्य सहाड़ा रामधन सोमानी ने अपनी काकीसा नानी बाई सोमानी व उनके पिता स्वर्गीय राम सहाय सोमानी एवं बड़े भाई साहब राम बगस सोमानी और भाई के पुत्र भतीजे सौरभ सोमानी की पुण्य स्मृति में महेंद्रगढ़ ग्राम पंचायत को 700 फल, फूल व छांयादार पौधे भेंट किये। जिनमें 100 पौधे पीपल के, 300 पौधे नीम के, 11 पौधे वट वृक्ष के, 20 पौधे नीम के, 50 पौधे गुलाब के, 20 पौधे रात रानी के, 20 पौधे बिल्वपत्र के, 10 पौधे सफेद आंकड़े के,100 पौधे कंडेल फूल सहित जामुन के पौधे भी शामिल हैं।
सरपंच सोमानी ने बताया कि ये सभी पौधे ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी रमेश चन्द्र जीनगर व सहायक सचिव संगीता काबरा ने मनरेगा टीम, मेट व ग्राम पंचायत के वार्डपंचों की सहायता से उनकी देखरेख में ग्राम पंचायत की चारागाह जमीन में महेंद्रगढ़ से आमली व भूणास रोड़ के दोनों तरफ के साथ ही गांव के बड़े तालाब की पाल पर भी फल, फूल व छांयादार ये सभी पौधे लगाए हैं।
-पर्यावरण प्रेमी सोमानी की जुबानी।
महेंद्रगढ़ निवासी पंचायत समिति सदस्य व पूर्व सरपंच रामधन सोमानी ने बताया कि ग्राम पंचायत को जो 700 पौधे भेंट किए वो मैंरे पूज्य पिताजी व मैंरे काकी सा एवं मैंरे बड़े भाई साहब और भाई के लड़के भतीजे की पुण्य स्मृति में परिवार के सामूहिक निर्णय के तहत और मैंरे मिशन ग्रीन एण्ड क्लीन महेंद्रगढ़ को बढ़ावा देने हेतु भेंट किये गए। सोमानी ने बताया कि अब इन सभी पौधों के पेड़ बनने तक उनकी देखरेख व पानी पिलाई और उनकी सुरक्षा इत्यादि जैसी समस्त तरह की जिम्मेदारी और जवाबदारी ग्राम पंचायत की रहेगी।
सोमानी ने कहां की आज के तीन वर्ष पूर्व कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से महेंद्रगढ़ ग्राम भी बहुत त्रस्त हुआ था। तब ये गंभीर बीमारी महेंद्रगढ़ ग्राम में भी फेल गई थी। उस समय लोगों को ऑक्सीजन के लिए इधर उधर दौड़े-दौड़े फिरना पड़ा था। बस उसी विपरीत और कठिन घड़ी को ध्यान में रखते हुए हमारे परिवार के सदस्यों ने ये निर्णय लिया की पीपल के वृक्ष ही सबसे ज्यादा से ज्यादा लगाएंगे क्यों कि पीपल ही एक मात्र ऐसा पेड़ हैं जो 24 घण्टे ऑक्सीजन देता हैं।
Social Plugin