भीलवाडा जागरूक- ऊर्जा विभाग द्वारा पुनुरुत्थान वितरण क्षेत्र सुधार (आरडीएसएस) योजना जारी की गयी है जिसमे जिले की विद्युत् वितरण व्यवस्था में सुधार के लिए कार्याे को सम्मिलित किया गया है। ऊर्जा सचिव, ऊर्जा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इस योजना के संचालन के निर्देशन के लिए जिला स्तरीय विद्युत समिति (डीइसी) का गठन किया गया। समिति के अध्यक्ष जिले के सांसद, सचिव जिला कलक्टर, जिला प्रमुख व जिले के समस्त विधायकगण समिति के सदस्य एवं अजमेर विद्युत् वितरण निगम लि. के अधीक्षण अभियंता समिति के संयोजक के रूप में नियुक्त किये गए है।
जिला स्तरीय विद्युत समिति की प्रथम बैठक जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। बैठक में सांसद सुभाष चन्द्र बहेड़िया (अध्यक्ष), जिला कलक्टर आशीष मोदी, सहाड़ा विधायक गायत्री देवी, मांडलगढ विधायक गोपाल शर्मा, निगम अधिकारी शीशराम वर्मा, अधीक्षण अभियंता पीएम जीनगर, अधीशाषी अभियन्ता(प्रोजेक्ट) लेखराज खाती, सहायक अभियंता(प्रोजेक्ट) उपस्थित रहे।
बैठक में पुनुरुत्थान वितरण क्षेत्र सुधार (आरडीएसएस) योजना की जानकारी साझा की गयी। आरडीएसएस योजना को 5 वर्षाे में पूर्ण किया जाना है। इस योजना का मूल उद्देश्य डिस्कॉम की वितरण व्यवस्था में जरुरी सुधार कर उपभोक्ताओ को राहत पहुचने के साथ साथ डिस्कॉम की वित्तीय स्थिरता में सुधार करना है इस योजना के अंतर्गत भीलवाडा जिले में प्रथम चरण में 146 करोड़ व द्वितीय चरण में 703.71 करोड़ (कुल 849.71 करोड) के कार्याे को अनुमोदित किया गया है। इस योजना के तहत नए 33/11 केवी जीएसएस स्थापित करना व बेकअप सप्लाई उपलब्ध कराने हेतु 33 केवी तथा 11केवी लाईनों का इंटरकनेक्शन स्थापित करना, गहन आबादी वाले क्षेत्रो में कोटेड केबल तथा शहरी क्षेत्रो में भूमिगत लाईनों को स्थापित करना, कृषि उपभोक्ताओ को वितरण लाईनों को एनी लाईनों से अलग करना आदि कार्य सम्मिलित है।
प्रथम चरण में भीलवाड़ा जिले के दो 33/11 जीएसएस का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है पहला शहरी क्षेत्र में रीकों तृतीय फेज जीएसएस व दूसरा बिगोद क्षेत्र में ग्राम
जित्या(सुठेपा) इसी प्रकार प्रथम चरण में चार 33 केवी लाईन रीको तृतीय फेज भीलवाड़ा, जीवा का खेडा से बडलियास( बिगोद), जित्या व ग्राम मेजा-मांडल। इसी प्रकार योजना में दो 33/11 केवी जीएसएस बेमाली (करेड़ा) तथा जसवंतपुरा (बनेड़ा)। इसके अतिरिक्त भीलवाड़ा जिले में 70 किमी भूमिगत लाइन स्थापित करना, अलग अलग गाँवों के 34 कृषि फीडरो को एनी फीडरो से अलग किया जाना, व् 44 क्षमता से अधिक लम्बे फीडरो को छोटा किये जाने के कार्य प्रस्तावित है। वर्तमान में भीलवाडा जिले में आरडीएसएस के प्रथम चरण में प्रस्तावित जीएसएस रीको तृतीय फेज का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।
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