भीलवाड़ा जागरूक। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा राष्ट्रीय जलवायु समुत्थान कृषि में नवप्रवर्तन निक्रा परियोजनान्तर्गत एक दिवसीय मौसम पूर्व कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी.एम. यादव ने खरीफ फसलों की बुवाई पूर्व किये जाने वाले कार्यों, कम अवधि में पकने वाली किस्मों एवं बीजोपचार के बारे में बताया, साथ ही फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन, मुर्गीपालन, अजोला, वर्मीकम्पोस्ट एवं वर्षभर हरा चारा के लिए नेपियर घास उत्पादन द्वारा आजीविका बढ़ाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
शस्य विज्ञान प्रोफेसर डॉ. के.सी. नागर ने खरीफ फसलों में खरपतवार नियन्त्रण, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल द्वारा फसलों की बुवाई तथा उर्वरकों का समुचित उपयोग के बारे में बताया साथ ही खरीफ फसलों में अन्तरशस्य क्रियाओं की जानकारी दी।
वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता प्रकाश कुमावत ने किसानों को केन्द्र द्वारा स्थापित कस्टम हायरिंग सेन्टर से उन्नत कृषि यन्त्रों का समुचित उपयोग करने एवं मोटा अनाज आधारित फसलों का उत्पादन लेकर आय बढ़ाने की आवश्यकता जताई।
सहायक कृषि अधिकारी नन्द लाल सेन ने वर्षा जल संरक्षण के तहत् खेत का पानी खेत में एवं गाँव का पानी गाँव में के सिद्धान्त को अपनाने पर जोर दिया ताकि वर्षा आधारित कृषि अपनाने में सहायक सिद्ध हो सके। प्रशिक्षण में केन्द्र द्वारा प्रकाशित वर्मीकम्पोस्ट किसानों के लिए वरदान फोल्डर किसानों को उपलब्ध करवाया गया।
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