भीलवाड़ा-वेदांता समूह की कंपनी और भारत में जिंक, लेड और सिल्वर के सबसे बड़े और एकमत्र एकीकृत उत्पादक हिंदुस्तान जिंक ने सघन वृक्षारोपण एवं पर्यावरण प्रबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। रामपुरा आगुचा माइंस परिसर में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया। हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा आयोजित राजकीय विद्यालय आगुचा में आयोजित शिक्षा संबंल समर कैम्प में क्षेत्रीय अधिकारी राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल भीलवाडा, विनय कट्टा ने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाते हुए विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। भारत सरकार के मिशन मिशन लाईफ, पर्यावरण के लिये जीवन शैली के बारे में जागरूक किया। जिंक कौशल केेंद्र और हुरडा राजकीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रमों में इस अवसर पर प्रयोग शाला प्रभाारी महेश कुमार सिंह , सहायक पर्यावरण अभियन्ता रवि चंदेल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कंपनी की सभी परिचालन इकाइयों में विभिन्न गतिविधियों, वृक्षारोपण अभियान, मैराथन, अपशिष्ट प्रबंधन अभियान, नुक्कड़ नाटक, प्रतिज्ञा समारोह का आयोजन कर स्वच्छ एवं संरक्षित पर्यावरण का संकल्प लिया। इस अवसर पर राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चैयरपर्सन नवीन महाजन एवं हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने बायोडावर्सिटी पर आधारित काॅफी टेबल बुक का विमोचन किया। जिसमें हिन्दुस्तान की विभिन्न इकाइयों में पक्षियों के चित्र एवं वर्णन दर्शाए गये है।
वृक्षारोपण अभियान में कर्मचारियों और आस पास के ग्रामीणों सहित स्थानीय समुदाय ने स्वेच्छिक भागीदारी की। अभियान में विविध प्रकार के दस हजार से अधिक पौधे रोपे गए जो हरित आवरण को बढ़ाने के साथ ही प्राकृतिक आवास को बहाल करेंगे। वृक्षारोपण अभियान के साथ-साथ, कंपनी ने स्वच्छता अभियान भी चलाया, जिसमें जिम्मेदार अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व पर बल दिया गया। कंपनी ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मेत्री क्रिकेट मैच और रन फॉर एनवायरनमेंट का आयोजन किया। इसके अलावा, जलवायु पर कार्बन उत्सर्जन के प्रभाव और दैनिक जीवन में कार्बन फुटप्रिन्ट को कम करने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक कार्यों के महत्व के बारे में संवेदीकरण सत्र आयोजित किए गए। इन गतिविधियों में समुदाय के 4 हजार से अधिक लाभार्थियों ने भागीदारी की। इस दौरान अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन की टाको परियोजना के तहत् पशु पक्षियों के लिये पानी की उपलब्धता हेतु परिण्डे भी लगाये गये।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि, हिंदुस्तान जिंक में, हमारा ध्यान हमेशा भविष्य की पीढ़ी के लिए पृथ्वी की रक्षा और संरक्षण कर हमारी खनन और स्मेल्टिंग इकाइयों के सतत संचालन पर रहा है। हम हमारे संचालन के हर पहलू में पर्यावरणीय प्रबंधन को एकीकृत कर सस्टेनेबल भविष्य बनाने के लिए व्यापक स्थिरता लक्ष्य 2025 की स्थापना की है। हमने विज्ञान आधारित लक्ष्यों द्वारा निर्धारित 1.5 डिग्री लक्ष्य को प्राप्त करने पर विशेष ध्यान देने के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए वैश्विक आंदोलन के साथ स्वयं को जोडा है। हम पर्यावरण संरक्षण, सुधार पहलों के कार्यान्वयन, भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयारी और नेट जीरो उत्सर्जन में योगदान के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जलवायु सरंक्षण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए आवश्यकता के अनुरूप, हिंदुस्तान जिंक ने अत्याधुनिक तकनीकों, कुशल संसाधन प्रबंधन और अपने संचालन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की सोर्सिंग में लगातार निवेश कर अग्रसर है। कंपनी 2050 तक नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करने की दिशा परिवर्तनकारी हेतु निरन्तर आगे बढ रही है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य कंपनी के सस्टेनेबल लक्ष्यों के साथ शामिल है, जिसमें 2025 तक 5 गुना पानी सकारात्मक होना और 25 प्रतिशत तक शुद्ध जल के उपयोग को कम करना शामिल है, अपने संचालन के आसपास जैव विविधता की सोर्सिंग और सुरक्षा के साथ ही शत प्रतिशत सस्टेनेबिलिटी सुनिश्चित करना शामिल है।
Social Plugin