शाहपुरा में राधा कृष्ण प्राण प्रतिष्ठा शोभायात्रा ने तोड़े रिकॉर्ड नव कुंडात्मक विष्णु महायज्ञ प्रारंभ, शिव तांडव नृत्य ने मनमोहा

शाहपुरा-(मूलचन्द पेसवानी ) शाहपुरा में सकल खटीक समाज की ओर से पिवणिया तालाब की पाल पर स्थित नवनिर्मित मंदिर में राधा कृष्ण मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, नवीन मंदिर शिखर पर स्वर्ण कलश स्थापना महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को शोभायात्रा के माध्यम से किया गया। समाज की ओर से शाहपुरा के समस्त समाजों को 19 से 22 मई तक होने वाले नव कुंडात्मक विष्णु महायज्ञ के निमंत्रण दिए गए हैं। इसे सामाजिक सद्भावना के रूप में देखा जा रहा है। 


इसके फलस्वरूप आज निकाली गई शोभायात्रा का शहर में विभिन्न स्थानों पर स्वागत पुष्प वर्षा करके किया गया। शोभा यात्रा शहर के विभिन्न स्थानों से गुजरती हुई सदर बाजार, त्रिमूर्ति चैराहा, राम टॉकीज, पिवणिया तालाब होते हुए विष्णु महायज्ञ स्थल पर पहुंची। शाहपुरा के खानिया का बालाजी मंदिर के महंत रामदास त्यागी की अगुवाई में निकली इस शोभायात्रा में महंत के साथ यज्ञाचार्य पंडित भेरूलाल शास्त्री विशेष रूप से तैयार की गई बग्गी में सवार हुए। शोभायात्रा में घुड़सवार, हाथी सवार समाज के लोग ध्वज पताका लेकर चल रहे थे। महिलाएं भी मंगलगान करते हुए चल रही थी तो युवाओं ने भी जयघोष के साथ प्रदर्शन किया। शोभायात्रा में मंदिर पर चढ़ाए जाने वाले स्वर्ण कलश को भी प्रदर्शित किया गया।
शोभायात्रा में बाहर से आए कलाकारों ने बहुत ही आकर्षक तरीके से शिव तांडव नृत्य का प्रदर्शन किया। समाज के लोगों ने प्रदर्शन करने वाले कलाकारों की हौसला अफजाई के लिए शोभायात्रा के मार्ग पर जगह जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया तथा विभिन्न स्थानों पर लोगों के लिए भीषण गर्मी को देखते हुए शीतल जल, शरबत व अन्य अल्पाहार की व्यवस्था भी की गई।


यज्ञाचार्य पंडित भेरूलाल शास्त्री ने बताया कि शोभायात्रा के बाद महंत रामदास त्यागी के सानिध्य में यज्ञ प्रारंभ किया गया। इसमें मंडप प्रवेश, पंचांग पूजन, दसविधि स्नान तथा देव स्थापना की गई। उन्होंने बताया कि अब 20 मई शनिवार से प्रतिदिन देव पूजन, मूर्ति धान्य, महायज्ञ में आहुतियां देने का कार्य होगा। उन्होंने बताया कि राधा कृष्ण की मूर्ति व कलश स्थापना का कार्यक्रम 22 मई सोमवार को विधि विधान के साथ समाज के पंच पटेलों की मौजूदगी में होगा। इससे पहले आज महायज्ञ में बैठने वाले तथा शिखर कलश चढ़ाने वाले के अलावा अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के लिए समाज के लोगों ने बोलियां लगाकर उत्साह के साथ भाग लिया। महायज्ञ की पूर्णाहुति 22 मई को महा आरती वह महा प्रसादी के साथ होगी। महायज्ञ के लिए यज्ञाचार्य की अगुवाई में विद्वान पंडितों का दल भी आया हुआ है। पूर्णाहुति के मौके पर संतों का समागम 22 मई को होगा जिसकी शोभायात्रा खानिया का बालाजी मन्दिर से प्रांरभ होकर यज्ञ स्थल पहुंचेगी। महायज्ञ में भाग लेने के लिए शाहपुरा के अलावा आस पास के गावों से भी सैकड़ों की तादाद में लोग शामिल हुए।