अजमेर जागरूक- राज्य सरकार की ओर से 24 अप्रैल से प्रशासन गांवो के संग व महंगाई राहत शिविर आयोजित किए जा रहे हैं इसी कड़ी में आज अजमेर जिले के बिजयनगर तहसील के जालिया द्वितीय ग्राम पंचायत मुख्यालय पर महंगाई राहत व प्रशासन गांवों के संग शिविर का आयोजन हुआ। जहां गांव की राजकीय सीनियर उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रांगण में शिविर के दूसरे दिन ग्रामीणों ने बड़ी उत्साह के साथ सरकार की बढ़ी हुई योजनाओं का लाभ लेने के लिए पंजीयन करवाया । जहां राजस्व, चिकित्सा, कृषि सहित कहीं योजना से लाभार्थियों को लाभ मिला। जहां शिविर में राजस्व विभाग के अन्तर्गत नामांतरण, आपसी सहमति से बंटवारा व शुद्धि पत्र से कहीं किसान लाभान्वित हुए।
जहा कैंप प्रभारी व सहायक कलेक्टर अजमेर जिला मुख्यालय शिवाक्षी खांडल ने कैंप में जो भी परिवेदना सामने आई है उनका निस्तारण करने के लिए कैंप में मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए साथ ही कहा कि राज्य सरकार आम जन हितेषी है। आम लोगों के कार्य में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए।
वही बिजयनगर तहसीलदार सुभाष चंद्र ने कैंप में मौजूद किसानों से आह्वान किया कि अधिक से अधिक किसान राज्य सरकार की बढी हुई योजनाओं का लाभ ले इसके लिए पंजीयन जरूर कराएं साथ ही उन्होंने राजस्व विभाग से संबंधित सभी कार्यों का निस्तारण किया।
दिव्यांग के चेहरे पर लौटी मुस्कान- जालिया द्वितीय ग्राम पंचायत मुख्यालय पर रहने वाले युवा दिव्याग कन्हैयालाल के पिता के नाम में अशुद्धि थी जिसको लेकर कन्हैयालाल वर्षों से नाम शुद्धि के लिए बार-बार प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के सामने विनती कर रहा था लेकिन आज कैंप प्रभारी अधिकारी शिवाक्षी खांडल व तहसीलदार सुभाष चंद्र ने तमाम दस्तावेजों के आधार पर उनके नाम में शुद्धि की और उनका नाम कन्हैयालाल पिता रामेश्वर लाल धोबी हुआ जिसके बाद कैंप प्रभारी व बिजयनगर तहसीलदार, नायब तहसीलदार व जालिया द्वितीय संरपच आदित्य कुमार खेतावत ने युवा कन्हैयालाल को नाम शुद्धि का पत्र सौंपा तो दिव्यांग युवा के चेहरे पर मुस्कान लौट आई।
दिव्यांग को वर्षों बाद नाम शुद्धि से जमीन का मिलेगा मालिकाना हक- विगत एक दशक से कन्हैयालाल अपने पिता के नाम में अशुद्धि के कारण प्रशासन के बार-बार चक्कर काट रहा था लेकिन यह प्रशासन गांवों का संघ वह महंगाई राहत शिविर उसके लिए वरदान साबित हुआ। जहा आज कैंप प्रभारी वह बिजयनगर तहसीलदार ने जब कन्हैयालाल को अपने पिता की नाम की शुद्धि का पत्र सौंपा तो दिव्यांग का चेहरा खिल उठा और उन्होंने कहा कि अब वर्षों बाद मेरे पिता की जो मृत्यु हो गई है उसके जमीन पर मुझे मालिकाना हक मिलेगा।
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