नये जिले के सीमांकन को लेकर उठने लगे विरोध के स्वर, मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र को शाहपुरा में ना मिलाकर भीलवाड़ा जिले में ही रखने की है मांग, जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कलेक्टर को सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

भीलवाड़ा-प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में प्रदेश में कहीं नए जिले बनाने की घोषणा की थी। इसी के तहत भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा को भी नया जिला बनाया गया लेकिन नए  जिले के सीमांकन से पहले ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। जहा नवसृजित शाहपुरा जिले में मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र वासियों को सम्मिलित करने की आशंका के चलते तमाम राजनीतिक दल के राजनेता, सामाजिक व धार्मिक संगठन से जुड़े पदाधिकारी विरोध में खड़े हो गए हैं। जहा पुर्व में मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र पूरा बंद रखा गया था और प्रदेश में रामलुभाया कमेटी व राजस्व के अधिकारियों को मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र को शाहपुरा में शामिल नहीं करने को लेकर ज्ञापन भी सौंपा था । आज भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट पर संघर्ष समिति के बैनर तले जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट के बाहर सभा के आयोजन के बाद जिला कलेक्टर आशीष मोदी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया ।


जहा मांडलगढ़ को नवसृजित शाहपुरा जिले में सम्मिलित नहीं करने को लेकर बनाई गई संघर्ष समिति के अध्यक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक प्रदीप कुमार सिंह ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार है लेकिन फिर भी हमारे क्षेत्र की जनता के साथ ज्यादती होती है तो हमारा फर्ज बनता है कि सरकार को यहां की समस्या से अवगत करवाएं इसी क्रम में मांडलगढ़ में संघर्ष समिति का गठन करके जनता की मांगों का सरकार तक पहुंचाने का हम काम कर रहे हैं। प्रजातंत्र में जिस तरह से जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाई जाती है उसी प्रकार हम राजनेता भी यह सेतु का काम कर रहे हैं । इस आंदोलन में विधानसभा क्षेत्र के किसी भी दल के राजनेता सहयोग नहीं करेंगे तो उनको आने वाले चुनाव में जनता वोट की चोट से सबक सिखाएगी क्योंकि जनता अपना हक मांगती है और जनप्रतिनिधि जनता के हकों के लिए जनता के साथ खड़े नहीं रहे तो उसे जनप्रतिनिधि कहलाने पर वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं होता है। इस आंदोलन मे तमाम राजनीतिक दल, सामाजिक व धार्मिक संगठन एकजुट होकर माण्डलगढ को भीलवाड़ा जिले में रखने की मांग कर रहे हैं।


 मुख्यमंत्री को भी जनता चुनकर भेजती है इसीलिए मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता ने चुनकर प्रदेश का मुखिया बनाया इसलिए  हमारा दायित्व बनता है की मुख्यमंत्री को मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की वास्तविकता से अवगत करवाएं फिर भी अगर मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र को शाहपुरा में ही रखा जाता है तो जनता जैसा आदेश करेगी उसकी पालना अक्सर करेंगे।

 इस दौरान क्षेत्र से भाजपा विधायक गोपाल खंडेलवाल ने कहा कि मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र को शाहपुरा जिले में नहीं मिलाने की मांग को लेकर आज जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है । हमारा मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र भौगोलिक, आर्थिक ,सामाजिक व राजनीतिक दृष्टि से भीलवाड़ा से जुड़ा हुआ है तो ऐसे पूरे क्षेत्र की मांग है कि हमें भीलवाड़ा जिले में ही रखा जाए।

 इस दौरान मांडलगढ़ क्षेत्र से पूर्व विधायक प्रदीप कुमार सिंह, पूर्व विधायक बद्री गुरुजी, भीलवाडा उप जिला प्रमुख शंकर गुर्जर ,निर्दलीय चुनाव लड़े विधायक प्रत्याशी गोपाल मालवीय सहित क्षेत्र के कहीं जनप्रतिनिधि ,सामाजिक व राजनीतिक दल के पदाधिकारी सहित काफी संख्या में महिला पुरुष व आमजन मौजूद रहे।