भीलवाड़ा जिले को एग्रीबॉट ड्रॉन की सौगात - डॉ. कर्नाटक

भीलवाडा- महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली से इस विश्वविद्यालय को दो एग्रीबोट ड्रॉन मिले है जिसमें एक ड्रॉन प्रसार शिक्षा निदेशालय उदयपुर एवं दूसरा कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा को मिला है जिससे मेवाड के किसानों को नई कृषि तकनीकी की सोगात मिली है।

प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.ए. कौशिक ने बताया कि ड्रॉन के माध्यम से सभी तरह की फसलें, सब्जियाँ एवं मातृवृक्ष बगीचों में दवा का छिड़काव किया जा सकता है एवं किसानों के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अनुकूल है।

कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा पर एग्रीबोट ड्रॉन लांच किया गया जिसमें केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी.एम. यादव ने बताया कि जिले में किसानों के खेत पर ड्रॉन द्वारा तरल उर्वरक, खरपतवार नाशी, रोग एवं कीटनाशक दवाईयों के छिड़काव से पानी, समय एवं श्रम की बचत होगी।

प्रोफेसर डॉ. के. सी. नागर द्वारा एग्री बोट ड्रोन के पार्ट्स एवं संचालन की कार्य प्रणाली पर प्रशिक्षण प्राप्त किया गया।

केन्द्र पर स्थापित एग्रीबोट ड्रॉन की विशेषताओं के बारे में जानकारी देते हुए इंजीनियर शिवम रावत ने बताया कि ड्रॉन का वजन 14.9 किलोग्राम है तथा 10 लीटर भराव क्षमता का टैंक है। इस प्रकार ड्रॉन का कुल वजन 24.9 किलोग्राम होता है। एग्रीबोट ड्रॉन को चालू करने के लिए सबसे पहले हार्डवेयर सेफ्टी स्विच को दबाकर जीसीएस में आर्म कर चालू किया जा सकता है। ड्रॉन एक एकड़ खेत में दवा का छिड़काव 6 से 7 मिनिट में कर सकता है। ड्रॉन में आगे पीछे एवं नीचे तीन सेंसर
लगे हुए है जिससे ड्रॉन पेड़ एवं तार से नही टकराता है। ड्रॉन में चार नोजल लगे होते है जो स्प्रै करते है। नोजल पानी की एक बूंद को 220 माइक्रोन में विभाजित करती है। ड्रॉन में छः प्रोपेलर (पंखुड़िया) तीन क्लॉक वाइज एवं तीन एन्टी क्लॉक वाइज लगे होते है। ड्रॉन में तीन फिल्टर लगे होने से कचरा नही आता है। इसमें एक कैमरा लगा हुआ है जो दूरी पर होने पर भी खेत को दिखा सकता है। ड्रॉन के गियर एल्यूमिनियम के बने हुए है जो इसको सुरक्षित जमीन पर लाने में सहायक है। ड्रॉन चार किलोमीटर की दूरी तक एवं 80 मीटर ऊँचाई से दवा का छिड़काव कर सकता है।

मेपिंग प्रणाली द्वारा खेत पर ड्रॉन से सभी स्थानों पर दवा का छिड़काव किया जा सकता है। एग्रीबोट ड्रॉन में एक सेट बैटरी का होता है जिसमें दो बैटरी लगी होती है तथा इस सेट से 2 एकड़ में दवा का छिड़काव किया जा सकता है। एक बैटरी को चार्ज करने में 40 से 45 मिनिट का समय लगता है। वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता (निक्रा) प्रकाश कुमावत ने बताया कि एग्रीबोट ड्रॉन से दवा का छिड़काव करने से किसानों को प्रति हैक्टर लागत कम आयेगी।