शाहपुरा-(मूलचन्द पेसवानी) शाहपुरा में ईद-उल-फितर का त्यौंहार शनिवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। केकड़ी रोड स्थित ईदगाह पर अलसुबह अकीदतमंदो ने विशेष नमाज अदा की। इसके बाद लोग एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। शुक्रवार की शाम को ईद का चांद नजर आने के साथ ही 24 मार्च को शुरू हुआ रमजान का महीना पूरा हो गया। रमजान खत्म होने के बाद इस्लामिक कैलेंडर के शव्वाल महीने के पहले दिन ईद मनाई इसे ईद-उल-फितर भी कहा जाता है।
शहर काजी सैयद शराफत अली ने यहां सभी को नमाज अदा करवाई और देश में अमन चैन की दुआ मांगी। इस दौरान यहां हजारों की तादाद में मुस्लिम जन मौजूद रहे। विशेष नमाज के दौरान मुस्लिम समाज के बच्चों में भी खासा उत्साह देखा गया। नमाज के बाद सभी मुस्लिम जनों ने एक-दूसरे से गले मिलकर दिली मुबारकबाद दी। इस दौरान यहां शहर काजी सैयद शराफत अली की स्थानीय कांग्रेसजनों ने पीसीसी सदस्य संदीप महावीर जीनगर, पूर्व उपप्रधान गजराज सिंह राणावत की अगुवाई में दस्तारबंदी करवाई। इस दौरान पूर्व पार्षद प्रभु सुगंधी, शंकर खटीक हाजी उस्मान छिपा, हाजी शमसुद्दीन भाटी, हाजी इकबाल भाटी, पार्षद हमीद खान, डॉ.मोहम्मद इशाक, भीलवाड़ा सीएमएचओ डॉ.मुश्ताक खान, जीवदया सेवा समिति के संयोजक अत्तू खां कायमखानी मौजूद रहे।
सेवईं के लिए जानी जाती है मीठी ईद-
ईद-उल-फितर ही मीठी ईद है। इस दिन लोगों ने नए कपड़े पहन एक-दूसरे को सेवइयां खिलायी। मुस्लिम धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, पैगंबर हजरत मुहम्मद ने सन् 624 ईस्वी में बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। इसी की खुशी में उन्होंने ईद-उल-फितर मनाया और लोगों का मुंह मीठा किया। इसलिए, मुस्लिम इस दिन मीठी सेवईं बनाकर एक-दूसरे को खिलाते हैं। ईद के मौके पर जकात यानी दान भी दिया गया।
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