शाहपुरा रामनिवास धाम में श्रृद्वा व आस्था के महाकुंभ का आगाज महाप्रभु स्वामी रामचरण महाराज के 225 वें निर्वाण महोत्सव का हो रहा है आयोजन

शाहपुरा-(मूलचन्द पेसवानी) शाहपुरा के रामनिवास धाम में रामस्नेही संप्रदाय के संस्थापक आद्याचार्य महाप्रभु स्वामी रामचरणजी महाराज के 225 वें निर्वाण महोत्सव का आगाज शुक्रवार को श्रृद्धा व आस्था के साथ का महाकुंभ के रूप में आगाज हुआ। यह महोत्सव 11 अप्रेल तक चलेगा। पांच दिनों तक रामनिवास के तहत कई कार्यक्रम होगें। 225 वें निर्वाण महोत्सव का शुभारंभ 7 अप्रेल शुक्रवार को रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर जगदगुरू स्वामी रामदयाल जी महाराज द्वारा किया गया। निर्वाण महोत्सव के पहले दिन आज रामनिवास धाम में बारादरी, कंबलजी, स्तंभजी व आचार्यश्री व अन्य संतों के दर्शनों के लिए काफी लोगों की भीड़ देखने को मिली।
श्री रामद्वारा में शाहपुरा पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामदयालजी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि राम का नाम समस्या का समाधान करता है तथा व्यक्ति के जीवन द्वंद का हल करते है। जो श्रेष्ठ होता है, वहीं बढ़ा होता है। राम नाम सुमिरन का उपदेश महाप्रभु रामचरणजी महाराज ने ही बहुत समय पहले दिया। आचार्यश्री ने महाप्रभु रामचरणजी महाराज के व्यक्तित्व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके द्वारा रचित अणभैवाणी ग्रंथ आज हम सबके बीच उनके साक्षात दर्शन कराता है। उनके उपदेशों में जो कहा गया है वो आज भी प्रांसगिक है। आवश्यकता केवल उन पर चलने की है। निर्वाण महोत्सव में सभी को संकल्प लेना है कि हम महाप्रभु के उपदेशों को आत्मसात कर उनके द्वारा बनायी परंपराओं पर चले। 
उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जागृत होने से परिवार, समाज एवं देश में जागृति आती है। राम ने पापियों का उद्धार किया, जबकि राम नाम ने पाप का उद्धार किया। हमारे देश भारत का प्रथम अक्षर भाईचारे का प्रतिक है तथा यह वर्तमान में देश की परिस्थिति की आवश्यकता भी है। भगवान ने हमें मनुष्य योनी मे धरती पर भेजा है, इसलिए परोपकार का कार्य करते रहे। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई कुछ भी नही है, हम सबसे पहले मनुष्य है। एकमात्र भारत ही ऐसा देश है जहां हर वर्ग के लोग निवास करते है। जो कि भाईचारे का प्रतिक है। स्वामी रामदयाल महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि व्यक्ति में अच्छे संस्कार होना जरूरी है उन्होंने गुरु महिमा का वर्णन करते हुए समय के सही सदुपयोग करने को कहा। 5 दिनी महोत्सव को सभी रामस्नेही अनुरागियों के लिए उन्होंने इसे एक अनुशासन शिविर बताते हुए सभी को नियमितता पूरे महोत्सव में रखने की बात कही।


सुर्यप्रकाश बिड़ला ने बताया कि महोत्सव का समापन 11 अप्रेल को शाहपुरा में महलों का चोक से भव्य शोभायात्रा निकाल कर किया जायेगा। इसमें महिलाएं 225 कलश सिर पर लेकर चलेगी। बैंड बाजों व शाही लवाजमों के साथ शोभायात्रा बालाजी की छतरी, सदर बाजार, नया बाजार, कुंडगेट होते हुए रामनिवास धाम पहंुचेगी जहां पर महाआरती वंदना का कार्यक्रम होगा। 
कैलाशचंद्र तोषनीवाल ने बताया कि प्रतिदिन प्रात 5 बजे से 6 बजे तक रामधुनि, 6.30 बजे से 7.30 बजे तक योग शिविर, 9 बजे से 9.30 बजे वाणी जी का पाठ होगा। रात्रि में 8.30 बजे से 10.30 बजे तक आचार्यश्री एवं संतों के रात्रिकालीन धर्मसभा में प्रवचन होगें। प्रतिदिन दोपहर में 2 से 5 बजे तक रामस्नेही संप्रदाय की परंपराओं पर चर्चा ओर प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम भी होगा। यह कार्यक्रम 7 अप्रेल को केवल महिलाओं के लिए, 8 अप्रेल को केवल नवयुवक व नवयुवतियों के लिए(25 से 40 वर्ष वर्ग) तथा 9 अप्रेल को 3 से 25 वर्ष तक के बालक बालिकाओं के लिए तथा 10 अप्रेल को 40 से 60 वर्ष के पुरूषों के लिए प्रश्नोत्तरी होगी। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम होगा। पंचमी जागरण एवं सामूहिक पाठ का कार्यक्रम 11 अप्रेल को रात्रि में 8.30 बजे प्रांरभ होगा। इसके अलावा देश भर के संतों के शाहपुरा पहुंचने से दिन भर अध्यात्म व संप्रदाय की परंपराओं पर वैचारिक मंथन की गोष्ठियां होगी। 


रक्तदान शिविर 9 अप्रेल को होगा-
रामस्नेही संप्रदाय के संस्थापक आद्याचार्य महाप्रभु स्वामी रामचरणजी महाराज के 225 वें निर्वाण महोत्सव के तहत रामनिवास धाम में 9 अप्रेल रविवार को विशाल रक्तदान शिविर का कार्यक्रम रखा गया है। रामस्नेही चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र भीलवाड़ा की मेडिकल टीम के निर्देशान में होने वाले रक्तदान शिविर में 225 यूनिट रक्त संग्रह करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पवन बांगड़ ने बताया कि रक्तदान शिविर के लिए प्रचार प्रसार प्रांरभ कर दिया है। रक्तदान करने वालों को आकर्षक उपदार देकर सम्मानित भी किया जायेगा।