शाहपुरा में जल जीवन मिशन योजना का नहीं मिल रहा लाभ ,माताजी का खेड़ा के बैरवा एवं भील बस्ती वाशिन्दों को अभी तक रखा वंचित

भीलवाड़ा जागरूक- भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा पंचायत समिति में चल रही जल जीवन मिशन योजना का सही तरीके से सुपरवीजन न होने के कारण लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है। कांग्रेस के शाहपुरा से प्रत्याशी रहे राजकुमार बैरवा की अगुवाई में चंबल परियोजना के अधिशाषी अभियंता को ज्ञापन देकर सात दिन में दो बस्तियों में पानी न पहुंचने पर आंदोलन की धमकी दी है।


जिला सर्तकता समिति के सदस्य राजकुमार बैरवा ने बताया कि एक तरफ तो राज्य सरकार प्रत्येक गांव मजरा, बाणी को शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है वहीं दूसरी ओर ग्राम माताजी का खेड़ा के बैरवा एवं मील बस्ती वासिन्दों को जल जीवन मिशन के अन्तर्गत मिलने वाली जल से वंचित होना पड़ रहा है। इन बस्तीवासियों को आज भी पीने योग्य पानी के लिए दूरस्थ कुओं आदि पर निर्भर रहना पड़ रहा है तथा कि दुषित और फ्लोराईड युक्त पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। गौर तलब है कि ग्राम पंचायत माताजी का खेड़ा का भाग होते हुए भी माताजी का खेड़ा को पर्याप्त पानी मिल रहा है जबकि इन बस्तियों को मात्र 200 मीटर तक की दूरी होने के बावजूद इनकी उपेक्षा एवं भेदभाव किया जा रहा है।
बैरवा ने बताया कि सम्पूर्ण राष्ट्र जहां आज ही के दिन विश्व जल दिवस मना रहा है परन्तु आज ही के दिन कोई बस्ती पास ही जल होते हुए भी प्यासी रहे ऐसी अनदेखी करना कहां तक न्यायोचित है। बैरवा के अनुसार उन्हें जब इस महत्वपूर्ण समस्या की ओर शाहपुरा क्षेत्र में जन कल्याण के कार्य करने वाली संस्था जीव दया सेवा समिति के संयोजक अत्तु खां कायमखानी ने बताया तो वाकई यह समस्या गंभीर लगी आने वाली भीषण गर्मी में उक्त जल से बस्तीवासी एवं बेसहारा पशुधन वंचित रहे यह हम सभी के लिए निन्दनीय है। राज्य सरकार इस संकल्प के लिए प्रतिबद्ध है कि अंतिम छोर के व्यक्ति को भी शुद्ध एवं पीने योग्य पानी मिलने का हकदार है। गौरतलब यह भी है कि इन बस्ती वासियों ने ष्जल जीवन मिशन के तहत विभागीय मापदण्डों को पूरा करते हुए जल कनेक्शन के लिए अपना शुल्क एवं पत्रावली विभाग में जमा करा रखी है। बैरवा ने अधिशाषी अभियंता कोज्ञापन देकर सात दिन में समस्या का समाधान न करने पर आंदोलन की धमकी दी है। ज्ञापन देने के मोके पर पार्षद डा ईशाक मोहम्मद व जीव दया सेवा समिति के संयोजक अत्तू खां कायमखानी मौजूद रहे।