भोपाल में सिंधु सभा के सम्मेलन में गरजे महामण्डलेश्वर हंसराम स्वामी सिंध में सर्वत्र छोड़कर आये सिंधी अब अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगा- महामण्डलेश्वर हंसराम

भीलवाड़ा-(मूलचन्द पेसवानी) अखिल भारतीय सिंधु साधु समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महामंडलेश्वर स्वामी हंसराज महाराज ने शुक्रवार को भोपाल में अमर शहीद हेमू कालाणी के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर सिंधी समाज से एकजुट होकर संगठित होने व अपने अधिकारों के जागरूक होने का आव्हान किया है। उन्होंने साफ शब्दों में तल्खी दिखाते हुए कहा कि अब सिंधी समाज जो भारत के लिए सिंध में अपना सर्वत्र छोड़कर आया यहां पर किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगा। इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय सिंधु सभा की ओर से अमर बलिदानी हेमू कालाणी जन्म शताब्दी वर्ष के मौके एक वर्ष तक कार्यक्रमों की श्रृंखला के समापन मौके पर किया। 
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज तथा भारतीय सिंधु सभा के तमाम पदाधिकारियों की मौजूदगी में महामण्डलेश्वर हंसराम महाराज ने कहा कि भारत पाकिस्तान के बंटवारे के समय वो सिंध में अपना सर्वत्र छोड़कर भारत आये। यहां पुरूषार्थ के बल पर काम किया। आजादी के 75 वर्ष बाद भी सिंधीयों के किसी शासन ने कोई योजना नहीं बनायी है। अब सिंधियों पर गलत दृष्टि डाली जा रही है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने एमपी के सीएम को इन्दौर में हुई वारदात याद दिलाते हुए कहा कि उसके बाद से गुरूग्रंथ साहब को सम्मान पूर्व लौटाने का क्रम जारी है। उसके बाद इस वर्ष पहली बार चेटीचंड महोत्सव पर सिंधी समाज ने देश विदेशों में अपनी ताकत का अहसास करा दिया है। उन्होंने सिंधीयों से हेमू कालानी की शहादत से प्रेरणा लेकर संकल्पित होकर राजनीतिक अधिकारों के लिए अब एकजुट होेने का आव्हान किया है। 


इसी समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भारत-पाकिस्तान के विभाजन को कृत्रिम बताया। उन्होंने कहा कि आप सिर्फ उस भारत से इस भारत में आए हैं। पूरा हिंदुस्तान हमारा है। हमें अपनी जमीन को नहीं भूलना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा कि हमको नया भारत बसाना है। भारत खंडित हो गया है। जरूरी नहीं कि हम मन से उसे छोड़ें, हमारे साथ उस भूमि का जुड़ाव बना रहे। हम सिंधु सभ्यता को नहीं भूल सकते। सिंधु नदी के सूक्त वेदों में हैं। ये नाता हम नहीं तोड़ सकते। हम सिंध प्रदेश को नहीं भूलेंगे। क्योंकि ये विभाजन कृत्रिम है। आज जिसको हम पाकिस्तान कहते हैं, उसके लोग कह रहे हैं कि गलती हो गई। ये सब मानते हैं। अपनी हठधर्मिता के कारण भारत से अलग हो गए, संस्कृति से अलग हो गए। क्या वे सुखी हैं? संघ प्रमुख ने कहा कि भारत के साथ रहने के लिए जो यहां आए, उन्होंने पुरुषार्थ से खुद को खड़ा कर लिया। अखंड भारत सत्य है, खंडित भारत दुरूस्वप्न है। वहां फिर से उस भारत को बसाना पड़ा है। फिर से बारी आएगी, तो आप वहां भारत को बसा सकते हो, इसलिए पहली आवश्यकता है कि उनके जीवन की प्रमाणिकता को ध्यान में रखना। उनकी देशभक्ति को ध्यान में रखना। सर्वस्व त्याग के लिए उनकी जो तैयारी थी, उसे ध्यान में रखना। ये पहली आवश्यकता है। सिंध को नहीं भूलना यानी नई पीढ़ी का लगाव वहां से जोड़ना पड़ेगा, इसलिए समाज के साथ कदम से कदम बढ़ाना।


मोहन भागवत ने कहा कि आदिकाल से देश के प्रगति के प्रथम कदम से सिंधु और सिंध का सहभाग रहा है। आज भी वो आपको होना पड़ेगा। सुविधाओं का दौर चलता रहेगा। संपूर्ण दुनिया को सुख-शांति देने वाला भारत चलते रहना चाहिए। सिंध, सिंधु और सिंधी बढ़ेगा, और चमकेगा। उतार चढ़ाव चलते रहेंगे, लेकिन हम कभी मिटेंगे नहीं। क्योंकि हम स्वार्थों और अहंकारों के साथ नहीं रहते। हम प्रयोजन के साथ चलते हैं। नई पीढ़ी को इसका भान हो। वो भटके नहीं, इसकी चिंता करें। सिंधी समाज में पुरुषार्थ देखने को मिलता है। आरएसएस आपको सदा सहायता के लिए तत्पर मिलेगा।
सीएम शिवराज सिंह चैहान ने ऐलान किया कि प्रदेश में सिंधी संस्कृति संग्रहालय बनेगा। उन्होंने कहा कि मप्र की पाठ्य पुस्तक में सिंधी महापुरुषों को पढ़ाया जाएगा। सम्राट दाहिर सेन, हेमू कालाणी की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी। सीएम शिवराज ने कहा कि हेमू कालाणी की जीवनी सिलेबस में शामिल की जाएगी। बच्चों को सिंधी समाज के संतों से रूबरू कराएंगे। अगले महीने से सिंधु दर्शन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके लिए 25 हजार रुपए प्रति तीर्थयात्री अनुदान दिया जाएगा। प्रदेश में सिंधी साहित्य अकादमी का बजट बढ़ाकर 5 करोड़ किया जाएगा। मनुआभान की टेकरी पर हेमू कालाणी की प्रतिमा लगाई जाएगी। जबलपुर, इंदौर में सिंधी बाहुल्य क्षेत्रों में हेमू कालाणी की प्रतिमा लगाई जाएगी। प्रदेश में सिंधी संस्कृति का संग्रहालय बनेगा। 1614 वर्ग फीट के मकान को 1 प्रतिशत मूल्य लेकर पट्टा वैधानिक किया जाएगा। इसी तरह दुकान को भी वैध किया जाएगा। आज ही इसके आदेश निकाल दिए जाएंगे।


कार्यक्रम में भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लधाराम नागवानी और कार्यक्रम संयोजक भाजपा के प्रदेश महामंत्री और भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय महामंत्री भगवानदास सबनानी, महेश जेठमलानी, इंदौर के सांसद शंकर लालवानी, जबलपुर के विधायक अशोक रोहाणी सहित देश  विदेश की अनेक हस्तियां शामिल हुई। इसके अलावा अनेक संत महात्माओं के साथ ही शदाणी दरबार रायपुर के साईं युधिष्ठिर लाल, प्रसिद्ध गायक घनश्याम वासवानी एवं मोहित लालवानी सहित अनेक गणमान्य अतिथि भोपाल पहुंचे हैं।