घायल युवक को अस्पताल नहीं ले जाकर कलेक्ट्रेट जमीन पर लेटा कर किया प्रदर्शन लगाई न्याय की गुहार

भीलवाड़ा जागरूक - 
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में लगता है आमजन का विश्वास पुलिस से उठता जा रहा है। सोमवार को एसपी ऑफिस में अपनी मां के साथ मारपीट के मामले में कार्रवाई नहीं होने से क्षुब्ध  एक युवक के जहर पीकर आत्महत्या करने के प्रयास की घटना की स्याही  अभी सूखी भी नहीं की दूसरे दिन मंगलवार को एक दलित युवक के सार्वजनिक ट्यूबवेल पर नहाने पर दबंगों द्वारा उसे घायल कर देने पर परिजन उसे सड़क पर रख  जिला कलेक्ट्रेट का मेन गेट  बंद कर प्रदर्शन करते नजर आए इनका भी यही कहना है कि  पुलिस प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रही है हमारे साथ ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है।


             भीलवाड़ा शहर के सुभाष नगर थाना क्षेत्र के सांलरा गांव के कैलाश बेरवा ने कहा कि -
मेरा बड़ा भाई नारायण सार्वजनिक ट्यूबेल पर नहाने गया तो कुछ वैष्णव समाज के लड़कों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी पहले भी हमारे साथ इस तरह की तीन चार घटनाएं हो चुकी है मगर पुलिस सुनवाई नहीं कर रही है कृपया हमारे साथ न्याय करवाएं हमारी सुनवाई नहीं हो रही है इसलिए कलेक्ट्रेट गेट बंद किया।
              भीलवाड़ा शहर के पुलिस उप अधीक्षक नरेंद्र दायमा ने कहा कि -
सुबह 10:00 बजे यह सूचना मिली थी कि कलेक्ट्रेट मेन गेट पर कुछ लोग उसे बंद कर रहे हैं सूचना मिलने पर तुरंत  पुलिस बल के साथ गए और प्रदर्शन करने वाले लोगों को पकड़ लिया और पूछताछ की तो पता चला कि सालेरा गांव में दो पक्षों में मारपीट हुई और जो पीड़ित है जिस की पिटाई हुई है उसको परिवार जन लेकर सीधे ही कलेक्ट्री आ गए और गेट बंद करने लगे इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें कोतवाली थाने ले जाया गया है उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है और जो पीड़ित घायल युवक है उसको उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है साथ ही सुभाष नगर के थानाधिकारी को घायल युवक के बयान लेने भेजा गया है।
              

                        सबसे बड़ा सवाल यह है कि राजस्थान पुलिस का स्लोगन "अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास " तो  क्या अब आम जन का विश्वास डगमगाने लगा है जिससे वे इस तरह के कदम उठाने लगे हैं।