सरकारी नौकरी में चयन नहीं होने के बाद एमएससी B.Ed युवक ने अपनाया पुश्तेनी काम शरबत, इत्र एवं गुलाब जल, गुलकंद बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से देश विदेश में बेच रहा है

 

परंपरागत खेती छोड़कर किसान ने किया नवाचार, खेत पर गुलाब की खेती कर भाप आसवन विधि से ही बना रहे हैं गुलाब जल, शरबत, इत्र व गुलकंद- डिजिटल मीडिया के जरिये बेचकर कमा रहे हैं अच्छा मुनाफा ।

अजमेर जागरूक-
सरकारी नौकरी के लिए कड़ी मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिलने से आमतौर पर युवक हताश हो जाते हैं और कुछ युवा तो गलत कदम उठा भी लेते हैं मगर अजमेर जिले के जालिया द्वितीय निवासी किसान के बेटे ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी हताश नहीं हुए और अपने पुश्तैनी काम को ही आगे बढ़ा रहे हैं। जहां किसान सैफुद्दीन बागवान ने परंपरागत खेती छोड़कर खेत पर गुलाब की खेती की शुरुआत की है और चैत्र माह में जो गुलाब के पौधे से पुष्प प्राप्त होते हैं उससे खेत पर ही गुलाब जल, गुलकद, शरबत व इत्र बनाकर सोशल मीडिया के जरिए बेचकर परिवार का गुजारा चला रहे हैं।

अजमेर जिले की मसूदा पंचायत समिति के जालिया द्वितीय ग्राम पंचायत के निवासी किसान सैफुद्दीन बागवान वर्तमान में अपने खेत पर जो गुलाब के पुष्प है उनकी भाप आसवन विधि से लकड़ी की भट्टी से उच्च ताप पर गर्म करके गुलाब जल बना रहे हैं।  जहा किसान सैफुद्दीन बागवान व उनके बेटे मकसूद बागवान जिन्होंने एमएससी बीएड तक शिक्षा प्राप्त कर रखी है दोनों बाप- बेटे अपने खेत पर इस काम में जुट गए हैं। 



जहा किसान सैफुद्दीन बागवान ने भीलवाड़ा जागरूक डिजिटल प्लैटफॉर्म से खास बातचीत करते हुए कहा कि मैं पहले परंपरागत खेती करता था लेकिन उससे अधिक मुनाफा नहीं मिलता था। हमारे दादा जी भी घर पर गुलाब जल, गुलकंद, ईत्र बनाया करते थे वर्तमान में हम खेत पर ही गुलाब की बुवाई की है और जो चैत्र महा में गुलाब के पुष्प आते हैं उन पुष्प से खेत पर ही गुलाब जल, इत्र ,गुलकंद व गुलाब का शरबत बना रहे हैं।

 बेटे ने हाथ बटाना शुरू किया- 

किसान सैफुद्दीन बागवान ने बताया कि बेटे की सरकारी नौकरी नहीं लगने पर उसने भी हमारे साथ हाथ बंटाना शुरू कर दिया । जहा किसान सैफुद्दीन बागवान ने बताया कि गुलाब की खेती का काम मेरे पिताजी भी करते थे लेकिन अब बच्चों को सरकारी नौकरी नहीं मिलने के कारण अब हम इस काम को धीरे-धीरे आगे बढ़ा रहे हैं । एक बीघा गुलाब की खेती में 15 से 30 किलो गुलाब हर दिन उत्पादन होता है । यह चैत्र महा मैं उत्पादन होने वाली गुलाब की जो किस्म है उससे ही गुलाब जल, गुलकद, इत्र और शरबत बनाया जाता है । जहा किसान ने खेत पर बन रहे गुलाब जल की विधि समझाते हुए बताया कि 30 किलो गुलाब के पुष्प से 5 से 10 लीटर गुलाब जल बनता है । 1 लीटर गुलाब जल 200 से 250 रूपये प्रति किलो की भाव से बिकता है।

भाप आसवन विधि से बनता है गुलाब जल -खेत पर ही किसान ने एक मिट्टी की भट्टी बना रखी है जिस के ऊपर एक बड़ी डेग में पानी के साथ गुलाब के पुष्प डाले जाते हैं और नीचे लकड़ी से तेज आंच पर गर्म कर भाप आसवन विधि से ही गुलाब जल तैयार किया जाता है।



डिजिटल मीडिया से बेचकर कमाते हैं अच्छा मुनाफा- 

मकसूद बागवान ने कहा कि वर्तमान में डिजिटल मीडिया का युग है हम खेत पर जो गुलाब जल, गुलकंद, ईत्र व शरबत तैयार करते हैं उनको डिजिटल मीडिया के प्लेटफार्म के जरिए बेचते हैं । जिससे हमारे को भी अच्छा मुनाफा मिलता है। जहां किसान के बेटे ने दावा किया कि जो खेत पर गुलाब जल, गुलकंद, इत्र व शरबत तैयार करते हैं वह प्रमाणिक है और शुद्धता के कारण ज्यादा बिकता है।

अब जरूरत है देश में ऐसे और किसानों की जो परंपरागत खेती के साथ ही आधुनिक नवाचार के साथ अगर खेती करेंगे तो अच्छा मुनाफा कमाकर परिवार को ऊंचाई पर ले जा सकते हैं।