70 वर्षीय टिम्बर व्यवसायी का अनूठा शौक -भारतीय मुद्रा व डाक टिकट का अद्भुत संग्रहालय गोयल्स गैलरी

 



 कहते हैं कि हॉबी अर्थात शौक बहुत लोग रखते हैं लेकिन कुछ ही लोग अपनी हॉबी को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करते हैं ऐसा ही शौक है भीलवाड़ा शहर में रहने वाले सुशील गोयल को जहा गोयल ने अपने मकान के भूतल में विशाल संग्रहालय बना रखा है जिसमें पुराने शपथ पत्र, डाक टिकट ,सभी तरह के सिक्के व सभी तरह के नोट संग्रहित है। जिनको वर्तमान पीढ़ी भी देखकर भविष्य की याद ताजा कर रही है ।


इतिहास मे  फिलाटेलि तथा नोटाफिलि शब्द काफी अहम व चर्चित है । जहा फिलाटेलि का अर्थ है डाक टिकट का संग्रह, संकलन व उनका अध्ययन । वही नोटाफिली का अर्थ है शौक के तौर पर बैंकिंग मुद्रा अर्थात नोटों का संग्रह करना।  


भीलवाड़ा शहर के रहने वाले 70 वर्षीय टिंबर व्यवसाई सुशील गोयल ने अपने शौक को पूरा करने के लिए एक- एक संग्रहालय गोयल गैलरी के नाम से प्रसिद्ध है।

गोयल ने कहा की पौराणिक विरासत को संग्रहित करने की शुरूआत लगभग 40 वर्ष पूर्व की । सबसे पहले इन्होंने अपने शौक को कलेक्शन का रूप देने का प्रारंभ किया तथा धीरे- धीरे यह शौक एक धरोहर के रूप में विकसित हो गया । गोयल ने अपने संग्रह को पांच विभिन्न भागों में बांट रखा है

1 भारतीय मुद्रा के विभिन्न नोट, 2  विभिन्न प्रकार के सिक्के, 3  डाक टिकट, 4  कोर्ट स्टाम्प, 5   विदेशी मुद्रा

1 -भारतीय मुद्रा के विभिन्न नोट-  इस     कलेक्शन में भारतीय मुद्रा के नोटों की लगातार बढ़ते क्रम में 3 सीरीज तैयार की है पहली सीरीज में 999 नोट 001001 से 999999 तक , दूसरी सीरीज में 220 नोट 000001 से 1000000 तक तथा  तीसरी सीरीज में 99 नोट 010101से 999999  तक के नंबरों की है यह सीरीज संभव है भारत की अपनी पहली सीरीज है इस सीरीज को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड वह इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल किया जा चुका है । इस कलेक्शन में भारतीय मुद्रा के 1 रूपये के नोट जो कि 1917 से लेकर आज तक जारी किए गए हैं सभी नोट संग्रहित हैं मोरारजी सरकार द्वारा 1978 में बंद हुआ 1000 रूपये का नोट भी संग्रहित है। इसके अलावा ऐसे नोट भी हैं जिन पर नंबर भी नहीं है अथवा कुछ छपने में गलती रह गई है वह भी देखने के लिए उपलब्ध है भारतीय मुद्रा के रूप में आजादी के बाद सभी गवर्नर के हस्ताक्षर वाले नोट भी संग्रहित है । वही 786 के नोट का भी अनूठा संग्रह है।

2  विभिन्न प्रकार के सिक्के- संग्रहालय का दूसरा भाग है विभिन्न प्रकार के सिक्के इस संग्रह में 1835 से लेकर 1945 तक जारी चांदी के सिक्के मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं इसके अलावा भिलाड़ी सिक्के जोकि तांबे से बने हुए हैं तथा मेवाड़ क्षेत्र में प्रचलित थे पुराने 1पाई से लेकर आज तक जारी सभी सिक्के संग्रहित हैं इसके अलावा समय-समय पर भारत सरकार द्वारा विभिन्न महापुरुषों पर जारी चांदी के सिक्के भी संग्रहित हैं।


3  डाक टिकट-  संग्रहालय में 1947 से लेकर 2023 तक जारी बिना स्टांप लगे सभी डाक टिकट संग्रह हैं इसके अलावा महात्मा गांधी थीम पर भारतीय व अन्य 40 देशों के द्वारा जारी डाक टिकट भी संग्रहित हैं। लगभग 15 अन्य देशों के डाक टिकट भी उपलब्ध हैं तथा पुराने पोस्टकार्ड ,अंतर्देशीय पत्र व पोस्ट लिफाफे भी देखने को उपलब्ध हैं। 

4 कोर्ट स्टाम्प - ब्रिटिश इंडिया सरकार व 40 अन्य देशी रियासतों के कोर्ट स्टाम्प व रेवेन्यू टिकट संग्रहित हैं।

5   विदेशी मुद्रा - जहा गोयल ने बताया कि उनके संग्रहालय में 70 देशों के नोट संग्रहित हैं जिनमें सबसे महंगी मुद्रा कुवैती दिनार तथा सबसे सस्ती मुद्रा इंडोनेशिया रुपया भी संग्रहित हैं। 

जहा गोयल ने कहा कि 

इस कलेक्शन में उनके साथ-साथ उनके दोनों पौत्र सत्यम गोयल व शिवम गोयल का भी पूरा सहयोग रहता है । इस कलेक्शन को देखने के लिए समय-समय पर मित्र रिश्तेदार तथा विभिन्न स्कूलों के बच्चे भी आते रहते हैं। जहा गोयल ने कहा कि मेरा नाम गिनीज बुक में भी दर्ज हो इसके लिए मैंने प्रयास कर रहा हूं।

जहा वर्तमान में दादा सुशील गोयल के संग्रहालय को अपने दोनो जुडवा पैदा हुऐ पोते सत्यम व शिवम गोयल आगे बढ़ा रहे हैं जहा शिवम गोयल ने कहा कि जो हमारे दादाजी ने संग्रहालय बनाया उसको हम और आगे बढ़ाएंगे मेरे दादाजी ने भी अच्छी मेहनत की है हम इसमें जो भी कमी है उसको भी पूरा करने का प्रयास करेंगे । वर्तमान मे हमारे हाथ में जो भी नोट आता है उस नोट को हम भी दादा की तरह देखने लग गए हैं।