आई एम ए कि राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्रेस कॉन्फ्रेंस सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सकों का 27 व 28 को 2 घंटे कार्य बहिष्कार, 29 मार्च को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे ,27 मार्च को होगा जयपुर में रैली द्वारा महापड़ाव आरटीएच बिल की खामियों को लेकर आमजन को जागरूक किया जाएगा

भीलवाड़ा जागरूक - राइट टू हेल्थ बिल के विरोध चिकित्सकों तथा निजी चिकित्सालयों का आंदोलन के दौरान सभी निजी चिकित्सालय में 7 दिनों से स्वास्थ्य सेवाएं बंद है बिल का विरोध कर रहे हैं चिकित्सकों ने रविवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन शाखा भीलवाड़ा के बैनर पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन आईएमए हॉल महात्मा गांधी चिकित्सालय परिसर में कि गई प्रेस वार्ता के दौरान उपस्थित चिकित्सकों ने राज्य सरकार के राइट टू हेल्थ बिल का विरोध करते हुए इसे आमजन के खिलाफ बताया एवं कई विसंगतियां होने से बिल वापस लेने की मांग की है इस बिल को लेकर सभी प्रकार के चिकित्सा आपातकालीन रोगियों का इलाज करना अनिवार्य सरासर गलत बताते हुए ऐसे बिल से चिकित्सकों के अब अन्य राज्यो में पलायन की प्रवृत्ति को बढ़ावा देगा बिल के विरोध में जयपुर में 27 मार्च को प्रातः 11 बजे बिल के विरोध मे रेली द्वारा महापड़ाव होगा साथ ही चिकित्सकों द्वारा नेशनल प्रोटेस्ट डे पूरे भारत में मनाया जाएगा जिसको चिकित्सकों के लिए ब्लैक डे का नाम दिया गया है राज्य के सेवारत सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सकों की लंबित मांगों को लेकर 27 और 28 को 2 घंटे कार्य बहिष्कार व मांगों पर वार्ता नहीं होने पर चिकित्सक 29 मार्च को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे मांगों को लेकर डॉक्टर्स, प्रैक्टिशनर्स ,डेंटल डॉक्टर्स एसोसिएशन, फिजियोथेरेपी एसोसिएशन ,मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन एकजुट होकर भीलवाड़ा में आज सेवाएं बंद रखी
 प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आईएमएम भीलवाड़ा ब्रांच प्रेसिडेंट डॉ कैलाश काबरा, सेक्रेटरी डॉ हरीश मारू के साथ डॉ एमपी अग्रवाल, डॉ केके भंडारी,डॉ डी एल कास्ट ,आलोक मित्तल डॉ जीके मिश्रा ,डॉ अपूर्व शास्त्री, डॉ नीरज जैन से सीधा संवाद किया प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया आरटीएच बिल में कई खामियां बताते हुए बताया कि ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य राजस्थान बना है बिल के अनुसार सभी पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूशन में कंसल्टेशन, दवाओ, डायग्नोसिस ,इमरजेंसी, ट्रांसपोर्ट, प्रोसीजर और इमरजेंसी केयर सहित मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएगी जिसका आई एम ए के सभी चिकित्सकों ने विरोध किया है चिकित्सकों ने कहा कि आमजन एवं गरीबों के इलाज के विरोध में नहीं है राजस्थान के प्राइवेट चिकित्सा मेडिकल ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचाते हुए सरकार स्पष्ट सुदृढ़ नीति नियम कायदे सरल करें उन्होंने बिल में कई खामियां बताते हुए बिल के विस्तार से जानकारी दी इससे पूर्व एक 30 मिनट की फिल्म दिखा कर राइट टू हेल्थ बिल का चिकित्सक विरोध क्यों कर रहे हैं इसके बारे में बताया गया एक्सीडेंटल इमरजेंसी में पहले से फीस भरने की जरूरत नहीं बताई गई, डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ उचित सुरक्षा और बढ़ती हिंसा की रोकथाम का बिल में कोई प्रावधान नहीं राज्य एवं जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित शिकायतों को स्वीकार करने की शक्तियों और जटिलता पैदा होगी साथ ही इसमें निजी क्षेत्र के चिकित्सालय और आईएमए के प्रतिनिधि को सम्मिलित नहीं करना गेर वाजीब बताया

इस अवसर पर आईएमए के कई चिकित्सक मौजूद थे प्रश्नोत्तरी परिचर्चा में डॉ राजेश जैन, डॉ महेश गर्ग, सोनी हॉस्पिटल के श्याम बिरला ने भाग लिया
अंत में इस बिल को लेकर कई सवाल जवाब भी पूछे गए जिनका  आईएमए के चिकित्सकों ने जवाब देकर स्पष्ट किया